नई दिल्ली: CAA के समर्थको और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसा में पुलिसकर्मी की मौत, देखे मौके पर हुई हिंसा की तस्वीरे

आदिल अहमद

नई दिल्ली: दिल्ली के जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के बीच रविवार को शुरू हुआ हंगामा सोमवार को और हिंसक हो गया। उत्तर-पूर्व दिल्ली के मौजपुर इलाके में सोमवार को लगातार दूसरे दिन नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के समर्थक और विरोधी समूहों के बीच हिंसक झड़पें हुई। प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। साथ ही साथ भजनपुरा इलाके में भी हिंसक झड़पें हुई हैं। एनडीटीवी के अनुसार इस हिंसा में एक पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत हो गयी है। प्रदर्शनकारियों ने वहां खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।

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इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल घायल हुए और उनकी मौत हो गयी। वे गोकुलपुरी थाने में तैनात थे। दूसरी ओर शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा घायल हो गए हैं। इसके अलावा मोहम्मद फुरकान की भी गोली लगने से जान चली गई। घायलों में लगभग 50 पुलिसवालों के भी घायल होने की ख़बर है। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में 10 जगहों पर पुलिस ने धारा 144 लगाई है साथ ही जाफराबाद और आसपास के कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया है। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बाद खजूरी खास इलाके में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

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जाफराबाद और मौजपुर इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने कम से कम दो घरों में आग लगा दी, जिससे तनाव और बढ़ गया है। इन इलाकों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन सीएए समर्थक और विरोधी समूहों के बीच झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। द वायर ने अपनी खबर में एक प्रदर्शनकारी से बातचीत का अंश प्रकाशित किया है। इस अंश में बताया गया है  द वायर से बातचीत करते हुवे चांदबाग इलाके के एक सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी शादाब ने दावा किया है कि सोमवार सुबह करीब 10।20 बजे पलिस के साथ आरएसएस के लोग आये और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। उनके अनुसार मुख्य धरनास्थल पर लगभग 200 लोगों में 150 के करीब महिलाएं थीं और यह लाठीचार्ज कथित तौर पर आधे घंटे तक चला था, जहां सीएए समर्थकों और पुलिस ने महिलाओं समेत कई प्रदर्शनकारियों को चोट पहुंचाई। शादाब के मुताबिक कम से कम एक महिला को सिर में चोट आयी है।

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इस हिंसा को लेकर सियासी और हुकूमत के बयान आये है। इस हिसा को लेकर गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि यह भारत की छवि को खराब करने की कोशिश है। सरकार इससे सख्ती से निपटेगी। वही दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध और समर्थन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुवे लिखा है कि ‘दिल्ली के कुछ हिस्सों में शांति-व्यवस्था में गड़बड़ी की बहुत परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं। मैं माननीय उपराज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्री से शांति और सौहार्द सुनिश्चित करते हुए कानून-व्यवस्था बहाल किए जाने का अनुरोध करता हूं। किसी को भी माहौल खराब करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।’नागरकिता कानून के विरोधियों और समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प के मद्देनजर पिंक लाइन मेट्रो पर पांच स्टेशन बंद कर दिये गए हैं।

दूसरी तरफ दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया, ‘जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकलपुरी, जौहरी एंक्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिये गए हैं। ट्रेनें वेलकम मेट्रो स्टेशन तक ही जाएंगी।’ कांग्रेस के खेमे से भी इस हिंसा के मुखालफत का बयान आया है, राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुवे लिखा है कि, ‘दिल्ली में आज की हिंसा परेशान करने वाली है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। शांतिपूर्ण विरोध स्वस्थ लोकतंत्र का प्रतीक है, लेकिन हिंसा को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता। मैं दिल्ली के नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि वे उकसावे में नहीं आएं और संयम, करुणा और समझ दिखाएं।’

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