टाइगर रिज़र्व में फिर एक बाघ की संदिग्ध मौत, संदिग्ध परिस्थितियों में मिला मादा बाघ का शव
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी÷ लखीमपुर खीरी के एक मात्र विश्व विख्यात दुधवा टाइगर रिजर्व में एक बार फिर एक दस वर्षिय बाघिन का शव मिलने से हड़कम्प मच गया आनन फानन में मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बाघिन के शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल करने में जुट गये।
बता दें कि दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर में एक बाघिन का शव मिला है जिससे पार्क प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है बाघिन के शव मिलने की सूचना पर आनन-फानन में दुधवा टाइगर रिजर्व के आला अधिकारी मौके पर जा पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लिया। शव को देखकर पता चल रहा है कि बाघिन का किसी अन्य शिकारी जानवर के साथ संघर्ष हुआ है। मृत बाघिन के गले व शरीर पर कई चोट के निशान पाए गए हैं। जानकारी देते हुए दुधवा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनोज सोनकर ने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर वन विहार में सुबह गश्त के दौरान क्षेत्रीय वनाधिकारी को एक बाघिन का शव नजर आया।
मामले की सूचना तुरंत रेंजर ने पार्क अधिकारियों को दी। सूचना सूचना मिलते ही फील्ड निदेशक, उप निदेशक, पार्क के पशु चिकित्साधिकारी, विश्व प्रकृति निधि-भारत के समन्वयक मुदित गुप्ता घटना स्थल पर जा पहुंचे। अधिकारियों के मुआयने में बाघिन की मौत का कारण प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष प्रतीत होना बताया गया। पार्क अधिकारियों के मुताबिक मृत बाघिन के गर्दन और सिर पर किसी अन्य शिकारी जानवर द्वारा आक्रमण कर चोट पहुँचाई गयी है। बताया कि बाघ का कुछ भाग भी खा लिया गया है।
प्रथम दृष्टिया मृत्यु आपसी संघर्ष में हुई प्रतीत हो रही है। बाघिन के सभी अंग सुरक्षित पाये गये। शव को पोस्टमार्टम के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के मानक प्रचलन प्रक्रिया के अनुरुप पशु चिकित्सा अधिकारियों का दल। जिसमें आईवीआरआई के पशु चिकित्सक भी शामिल होंगे जो उक्त बाघिन के शव का पोस्टमार्टम करेंगे। प्रकरण के संज्ञान में आते ही मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव सुनील पांडेय भी घटना स्थल के लिए निकल चुके हैं। बाघिन की उम्र लगभग 10 वर्ष है। पार्क अधिकारियों के मुताबिक बाघिन की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही बताया जा सकेगा।