सेना के बाद अब छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम ने मांगे नवाबों के शस्त्र
गौरव जैन
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां को कर्नल मोहन काकतीकर ने भेजा पत्र
रामपुर। भारतीय सेना के बाद अब छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम ने रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के शस्त्र मांगे हैं। म्यूजियम इन शस्त्रों के लिए सालान रकम अथवा कीमत भी अदा करना चाहता है। इसके लिए श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमेटी के महासचिव कर्नल मोहन काकतीकर ने अंतिम शासक के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को पत्र भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नवाब रामपुर की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। चल और अचल संपत्ति का सर्वे कराया जा रहा है। इसी प्रकिया के तहत नवाब रजा अली खां की आर्मरी खोली गई तो उसमें सैकड़ो दुर्लभ हथियार मिले थे। बंदूकें, रिवाल्वर, तलवारें, खंजर बहुत ही खास थे। इसकी चर्चा मीडिया में होने के बाद सेना के ब्रिगेडियर एमएस जोधा ने नूर महल आकर पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां से मुलाकात की थी। इसके बाद सेना के उत्तर भारतीय एरिया मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमनि ने पूर्व मंत्री को पत्र भेजकर कुछ हथियार उपहार स्वरूप मांगे थे ताकि उन्हे सेना के संग्रहालयों में प्रदर्शित किया जा सके। हालांकि, नवेद मियां ने सेना को पत्र भेजकर कहा था कि बंटवारे की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही इस सिलसिले में कोई निर्णय हो सकेगा।
अब दिल्ली स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम ने नवाब रामपुर की आर्मरी में हथियार मांगे हैं। श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमेटी के महासचिव कर्नल मोहन काकतीकर ने पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि उनकी संस्था 1981 में प्रधानमंत्री रहते इंदिरा गांधी ने स्थापित की थी। संस्था का दिल्ली में म्यूजियम है, जिसमें वह दुर्लभ हथियारों का प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए वह सालान रकम अथवा कीमत भी अदा करने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि हथियारों का स्वामित्व आपका ही रहेगा।
पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमेटी के महासचिव कर्नल मोहन काकतीकर के पत्र का उत्तर नवाब काजिम अली खां बुद्धवार को भेजेंगे। कर्नल मोहन ने रामपुर आने की भी इच्छा जताई है।