युवाओं की मेहनत रंग लाई, गरीबों की मदद को आगे आ रहे हैं लोग
फ़ारुख हुसैन
पलिया कलां खीरी
पलिया शहर में भूखा कोई ना सोए, किसी का चूल्हा ठंडा ना पड़ जाए इसी सोच के साथ पत्रकार साथी शिशिर शुक्ला ने जो मुहिम शुरू की थी आगे चलकर उसे चंदन शुक्ला और अभिषेक शुक्ला का साथ मिला और उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए दर्जनों लोग दिलों में समाज सेवा का भाव लिए दान दाता मिले। और बस एक के बाद एक 21 दिन तक लांक डाउन भर का राशन भिजवाने की प्रक्रिया चालू हुई। जिसमें पलिया ही नहीं पलिया शहर के देश और विदेशों में रह रहे लोगों ने भी अपना सहयोग प्रदान करना शुरू कर दिया।
पलिया की रहने वाली ऋतु दीक्षित जोकि नागपुर में स्टेट बैंक मैनेजर हैं उन्होंने इस मुहिम को और आगे पहुंचाया उन्होंने कहा कि मैंने विभिन्न परिस्थितियों में इस तरह के दिन देखें हैं मैं लोगों को मदद करना चाहती हूं। इतना ही नहीं लखनऊ में सहायक अध्यापक पद पर तैनात हरप्रीत कौर ने भी लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया।
धीरे-धीरे कारवां आगे बढ़ा तो महंगापुर विद्यालय के प्रधानाचार्य शैलेंद्र गुप्ता ने भी दिल खोलकर गरीबों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। फिल्म नया दौर का वह गाना साथी हाथ बढ़ाना एक अकेला थक जाएगा मिलकर हाथ बढ़ाना की तरह ही मित्र अभय श्रीवास्तव ने भी अपने दरवाजे गरीबों के लिए खोल दिए। मित्र अमित मौर्या ने खुद के खेत में लगे आलू और चावल दे डाले। उनका कहना था कि हमारे देश पर इससे बड़ा संकट क्या आयेगा। मुझे जो बन पड़ेगा मैं हमेशा तैयार हूं। खैर पीछे कई दिनों में सैकड़ों परिवारों तक राहत सामग्री बांटी जा चुकी है।