WWE की दुनिया में कालीन नगरी भदोही का नाम किया रेसलर रिंकू सिंह ने रोशन, इंडस शेरो ने चित किया चंद मिनटों में कनाडाई जोड़ी को
प्रदीप दुबे विक्की
डेस्क। अगर आप सोचते है कि डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलिंग में केवल एक भारतीय रेसलर द ग्रेट खली ही है तो आप गलत है। वर्तमान में एक सिर्फ खली ही नही बल्कि एक महिला रेसलर सहित चार अन्य पहलवान भारत का तिरंगा फहरा रहे है। इनमे जिंदर महाल, सौरभ गुज्जर और रिंकू सिंह है। रिंकू सिंह ने अभी तक तो डब्ल्यूडब्ल्यूई में कोई फाइट नही किया था, मगर अब उन्होंने भारतीय रेसलर सौरभ गुज्जर के साथ जोड़ी बना कर कल बृहस्पतिवार को पहला मुकाबला खेला और ऐसा खेला कि महज़ चंद मिनटों में ही कनाडाई जोड़ी को चारो खाने चित कर डाला।
रिकू सिंह भदोही जिले की ज्ञानपुर तहसील के होलपुर का रहने वाला युवक है और उसने पहलवान सौरव गुर्जर के साथ मिलकर इंडस शेर नाम से टीम बनाया है जिसने कनाडा की ईवर राइज के दो पहलवानों को पटकनी केवल चंद मिनटों में ही दे दिया। इस फाइट में रिंकू की जबर्दस्त पहलवानी कला को देख कर जिले के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
पूर्वांचल के भदोही को कालीन नगरी के रूप में भी जाना जा रहा है। भदोही के छोटे से गांव होलपुर के एक गरीब परिवार का युवक रिंकू सिंह गाव से निकल कर सात समंदर पार पंहुचा और देश का नाम रोशन कर रहा है। बृहस्पतिवार को डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में कनेडियन पहलवानों की जोड़ी को हराकर रिंकू ने अगले दौर में प्रवेश कर लिया है। रिंकू को दशक भर पहले तब पहचान मिली थी, जब उन्होंने अमेरिका में बेसबॉल खेला। उस समय देश में बेसबॉल में कम लोग ही दिलचस्पी दिखाते थे।
रिकू सिंह पहली बार चर्चा में तब आया जब उसके जीवन पर जीवन पर डिज्नी ने ‘द मिलियन डॉलर आर्म’ नाम से फिल्म बनाया थी। अब फिर रिंकू सिंह देश का नाम वैश्विक स्तर पर ऊंचा कर रहे हैं। छह फिट तीन इंच लंबे और 102 किलोग्राम वजनी रिंकू ने दुबई में अप्रैल 2017 में डब्ल्यूडब्ल्यूई चयन प्रशिक्षण में भाग लिया था। रिंकू के पिता ब्रह्मदीन सिंह पेशे से एक ट्रक ड्राइवर थे और उन्होंने ड्राइविंग कर रिंकू का पालन-पोषण किया। जब रिंकू बेसबॉल खेलने अमेरिका गए, तब घर की माली हालत सुधरी। 68 वर्षीय पिता ब्रह्मदीन सिंह आज भी गांव में ही रहते हैं और जब रिंकू के बारे में कोई चर्चा कर दे तो फिर जो भाव उनके चेहरे पर नजर आता है, उस गर्व और सुखानुभूति को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
जूनियर राष्ट्रीय भाला प्रतियोगिता के विजेता रिंकू की राह शुरुआती दिनों में आसान नहीं थी। यही कारण है कि जब वर्ष 2008 में टेलीविजन शो ‘द मिलियन डॉलर आर्म’ में भाग लेने का मौका मिला तो रिंकू ने प्रतियोगिता को जीतकर ही दम लिया। उसके बाद तो मानो रिंकू की झोली भगवान ने छप्पर फाड़कर भर दी और उनका अमेरिका की नामी बेसबॉल टीम से करार हो गया। रिंकू के जीवन संघर्ष से प्रभावित होकर उन पर डिज्नी ने ‘द मिलियन डॉलर आर्म’ नामक फिल्म भी बनाई थी।