जियो और जीने दो का संदेश देता औराई का यह नौजवान
प्रदीप दुबे विक्की
औराई भदोही। सैकड़ों बेजुबान बंदरों के लिए घर से रोजाना कुछ न कुछ बनवा कर ला रहा है हिंछलाल। बताते चलें कि औराई में चौराहे से लेकर यूनियन बैंक के आस-पास सैकड़ों की संख्या में बंदर निवास करते हैं। औराई थाना क्षेत्र निवासी हिंछलाल बिश्वकर्मा औराई में यूनियन बैंक के पास अपनी छोटी सी दुकान चलाते हैं। लेकिन रोजाना इन भुखे बंदरों का खयाल रख रहे हैं।
लॉक डाउन के चलते भूख से परेशान गरीब व्यक्ति असहाय लोगों को तो क्षेत्र के समाजसेवीयों व औराई पुलिस द्वारा राहत सामग्री व भोजन पैकेट प्राप्त कराया जा रहा है। लेकिन ये बेजुबान बंदर अपनी पीड़ा किससे कहें। इसी दर्द को समझते हुए हिंछलाल बिश्वकर्मा रोजाना इन बंदरों के लिए घर से रोटियां व चना यथा शक्ति बनवा कर उनका पेट भरने का काम कर रहे है।
जबकि लाकडाउन होने के कारण बाजार की सभी दुकानें बंद है जीसमें हिंछलाल बिश्वकर्मा का दुकान भी बंद चल रहा है लेकिन अपनी परवाह न करते हुए इन बेजुबानों बंदरों की सेवा करने में लगे है। मात्र हिंछलाल के एक आवाज लगाने पर दौड़ पड़ते हैं सभी बेजुबान बंदर।
हिंछलाल ने कहा यह प्रेरणा हमें औराई सहसेपुर निवासी समाजसेवी बनारसी दूबे जी से मिली जो कि इन बेजुबान बंदरों के लिए दो साल से हमारा सहयोग कर उत्साह बढ़ा रहे हैं। लाकडाउन के कारण इन बेजुबानों के सामने समस्या आ गई है। इसी कड़ी में आज शनिवार को इंफोसिस कम्प्यूटर सेंटर के मालिक जय कुमार दूबे व हिंछलाल बिश्वकर्मा द्वारा चना,खिरा,टमाटर व फल इन भुखे बेजुबान बंदरों को खिलाया गया।
“यही तो है भारतीय संस्कृति”
“घर में रहे-सुरक्षित रहे”