दालमंडी – दो दशक तक पानी को तरसे क्षेत्र को मिला पीने का पानी, सीवर समस्या से निजात, हर गली है रोशनी से रोशन, विकास कार्य जारी है – पार्षद मो0 सलीम

ए जावेद

वाराणसी। दालमंडी के वार्ड नम्बर 65 के मौजूदा हालात की जानकरी के लिए हमने इस लॉक डाउन में इलाके की तंग गलियों में घूम कर हालात देखे। अभी लगभग एक साल पहले तक जो इलाका सीवर के पानी का सैलाब लिए फिरता था, उस इलाके में सीवर के पानी की समस्या का निस्तारण दिखाई दिया। वही अँधेरी गलियों में अब जगमगाते एलईडी लाइट ने समां बाँध रखा था। हमारा गुज़र खजूर वाली मस्जिद और जंजीर शाह मस्जिद के तरफ हुआ तो वहा लगभग दो दशक पुरानी पानी की समस्या का हाल जाना। मालूम चला पिछली गर्मी में ही इस समस्या का हल निकाला जा चूका है।

इस अमुलचुल परिवर्तन को देख कर हमने क्षेत्र के पार्षद मोहम्मद सलीम से मुलाकात किया। पार्षद सलीम ने हमको अपने पार्षदी के सफ़र का ज़िक्र करते हुवे कहा कि पिछले दो दशक से खजूर वाली मस्जिद के गली में और पास ही जंजीर शाह मस्जिद के आसपास सप्लाई का पानी नहीं पहुच पा रहा था। आसपास की सभी पाइप लाइन ख़राब और जर्जर हो चुकी थी। एक लम्बी जद्दोजहद के बाद पूरी पाइप लाइन बदलवाई और नई पाइप लाइन लगवाई गई। इसके बाद लगभग दो दशक पुरानी इस समस्या का निस्तारण हुआ।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुख्य समस्या में मार्किट की सीवर लाइन की समस्या थी। सीवर लाइन के लिए हमने कई बार अधिकारियो को ज्ञापन दिया। दो बार खुद धरने पर बैठना पड़ा। सीवर की समस्या के कारण क्षेत्र के कारोबार पर भी असर पड़ रहा था। जिससे व्यापारी परेशान थे। आखिर सफलता मिली और क्षेत्र के सीवर समस्या से निजात मिल गई। क्षेत्र के कारोबारियों और आम नागरिको ने चैन की साँस लिया। काफी सडको पर चौके का काम करवाया गया है। सभी गलियों में स्ट्रीट लाइट लगवाई गई है। रोज़ सुबह और रात दो वक्त झाड़ू दिलता है। रोज़ कूड़ा उठाया जाता है।

इसके अलावा जिसको प्रतिनिधि से कोई भी काम होता है। वह सीधे मुझको हुक्म करता है क्योकि मैं सिर्फ जन प्रतिनिधि ही नहीं इसी इलाके का नागरिक और सभी क्षेत्र की जनता का भाई हु। सभी पुरे हक़ के साथ मुझसे अपनी बाते कर लेते है। बतौर खुद को पार्षद नही बल्कि आम जनता का सेवक समझता हु। राजनैतिक विरोधियो के सम्बन्ध में बात करने पर उन्होंने कहा कि असल में वह सभी मेरे राजनैतिक विरोधी नहीं बल्कि एक अच्छे दोस्त है। उनके द्वारा हुई अपनी आलोचना पर मैं नया सबक लेता हु। मैं अपने सभी आलोचकों का आभारी हु जो वह हमारी गलतियों को नज़रंदाज़ नही करते है। बल्कि उसका अहसास करवाते है जिससे मैं अपनी गलती सुधार सकू।

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