मुम्बई से आये दोनों भाई अगर रहते क्वारंटीन तो टल सकती थी घटना
तारिक खान
प्रयागराज. आज हुवे ट्रिपल मर्डर के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की भूमिका पर भी बड़े सवाल खड़े हो गए है. आज हुवे हत्या में मृतक इंद्र बहादुर यादव और रविंद्र यादव 14 मई को मुंबई से वापस आए थे। इस मामले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ साफ देखी जा सकती है कि अगर दोनों 21 दिनों तक घर में ही क्वारंटीन रहते तो शायद यह घटना टल सकती थी। इस घटना से पता चलता है कि निगरानी समितियां व स्वास्थ्य विभाग के लोग प्रवासी लोगों की निगरानी के लिए कितना सतर्क हैं।
गांव वालों ने बताया कि 2014 में मुलायम यादव की हत्या के बाद जब बरमदीन और उनके तीन बेटे जेल चले गए तो इंद्र बहादुर राम सिंह और रविंद्र भी दुश्मनी से बचने के लिए मुंबई चले गए थे। वे वहां प्राइवेट काम करने लगे थे। कोरोना संकट के बाद जब लॉकडाउन शुरू हुआ तो इंद्र बहादुर और रविंद्र वहां फंस गए थे। रामसिंह 1 साल पहले ही यहां आ गए थे। इंद्र बहादुर और रविंद्र किसी तरह जुगाड़ करके 14 मई को मुंबई से प्रयागराज पहुंचे।
मुंबई से यहां आने वालों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाता है। लेकिन पिछले हफ्ते से नियम बदलकर उन्हें होम क्वारंटीन करने के निर्देश दे दिए गए थे। लेकिन मुंबई से आने वाले हर शख्स के क्वारंटीन की जिम्मेदारी पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है। हर गांव में निगरानी समिति भी बनाई गई है लेकिन उसके बाद भी घटना हो गई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है यह बाद में तय होगा लेकिन अगर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग सजग होता तो यह घटना जरूर टल जाती।