चार बीघा ज़मीन के खातिर कुल 7 बेटो में से तीन है जेल में और तीन की हो गई है अब हत्या

तारिक खान

प्रयागराज। ज़मीन के विवाद में आज कोरांव के निश्चिंतपुर गाँव में खुन की होली खेली गई। इंसानियत को ताख पर रख क्रूरता की इन्तहा करते हुवे तीन सगे भाइयो की लाठी डंडे, ईंट पत्थर से पीट पीट कर हत्या कर डाला गया। इस दौरान दो महिलाये भी मरणासन्न है। मगर यह पहली बार ऐसा नही है कि निश्चिन्तपुर गाव में ऐसा खून खराबे का मंज़र सामने आया हो। इसके पहले भी इसी चार बीघा ज़मीन के खातिर खून की होली खेली गई थी। फर्क सिर्फ इस बार इतना था कि उस बार केवल एक हत्या हुई थी और आज एक नही बल्कि तीन तीन हत्या हुई है। साथ ही दो महिलाये भी मरणासन्न स्थिति में ज़िन्दगी और मौत से जूझ रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे पहले 2014 में भी इसी चार बीघा जमीन के विवाद में क्षेत्र पंचायत सदस्य रहे मुलायम यादव की हत्या भी हो चुकी है। इस मामले में मुख्य आरोपी बरमदीन व उसके तीन बेटे अभी जेल में हैं। अब बरमदीन की स्थिति ऐसी है कि उनके तीन बेटे जेल में है और तीन अपने जीवन से चले जा चुके है। अब तक कुल चार क़त्ल इस ज़मीन के खातिर हो चूका है। लोग दुनिया छोड कर चले गए मगर ज़मीन अभी भी वही है। वो कहा जाता है न कि ज़मीन को कोई नहीं खाता है बल्कि ज़मीन सबको खा जाती है।

बरमदीन के कुल 7 बेटे थे, जिसमे से तीन जेल में बंद है और तीन इस दुनिया से आज रुखसत हो गए। अब केवल एक बड़ा बेटा ही बचा है। सबसे बड़े विंध्यवासिनी यादव (50) हैं। बुधवार को दूसरे नंबर के इंद्र बहादुर यादव (45), रविंद्र यादव (38) और राम सिंह (35) की हत्या कर दी गई। लक्ष्मण यादव, कुंवर जी और अनिरुद्ध यादव 2014 में मुलायम यादव की हत्या में जेल चले गए थे। तीनों तब से जेल में ही है। आज खेत में झगड़े के समय जेल में बंद अनिरुद्ध यादव की पत्नी सुनीता और बेटी रागिनी भी मौजूद थीं। हमलावरों ने सुनीता (36) और रागिनी (16) को भी बुरी तरह से पीटा है। दोनों कि अस्पताल में हालत गंभीर बनी हुई है। इस प्रकार से देखे तो बरमदीन का लगभग पूरा कुनबा ही खत्म हो गया है।

ज़मीन का विवाद कुछ इस तरह है कि गांव के रामजन यादव और उनकी पत्नी जोखनी देवी के पास करीब 40 बीघे जमीन थी। बेटा ना होने की वजह से जोखनी देवी ने अपने नाती बरमदीन को अपने साथ रख लिया। उसे जमीन का उत्तराधिकारी बना दिया। इसी समय रामजन यादव के रिश्तेदार शिवनारायण यादव भी वहीं आकर रहने लगे। रामजन की मौत के बाद शिवनारायण ने भी उनकी जमीन पर दावा ठोंक दिया। 36 बीघे भूमि का मामला तो बातचीत से निपट गया, लेकिन 4 बीघे का विवाद लगभग 20 साल से चला आ रहा है।

दोनों ही पक्ष इस जमीन पर अपना अपना दावा जताते रहे हैं। 2014 में शिवनारायण के बेटे मुलायम यादव की घर के पास ही जंगलों में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुलायम उस समय क्षेत्र पंचायत सदस्य भी थे। इस कांड में बरमदीन मुख्य आरोपी बनाया गया। उनके साथ ही बेटे लक्ष्मण, कुंवर और अनिरुद्ध के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। चारों अभी तक जेल में हैं।

मुलायम की हत्या और बरमदीन व उसके तीन बेटों के जेल जाने के बाद भी दुश्मनी ठंडी नहीं हुई, बल्कि और बढ़ गई। अक्सर विवाद होता रहा और मामला पुलिस तक भी जाता रहा। बुधवार को बरमदीन के बेटे इंद्र बहादुर, राम सिंह और रविंद्र जब उसी विवादित जमीन को ट्रैक्टर से जोतने के लिए पहुंचे तो उनकी आरोपियों ने हत्या कर दी। वादी मुकदमा विंध्यवासिनी की तहरीर पर कुल 18 लोगो के खिलाफ नामज़द मुकदमा दर्ज हुआ है। दर्ज मुक़दमे में शिवनारायण, ज्ञान सिंह, रवि सिंह, धीर सिंह, राम सिंह, कृष्ण कुमार उर्फ बाबा, हरीकृष्ण, साहेब लाल, रामायण, प्रेमशंकर,  मान सिंह, चंद्रशेखर, बुद्धिमान सिंह, आशीष सिंह, सुरेंद्र सिंह, बबीता, रंजना, अजय कुमार, विजय कुमार, राजकली और वंदना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। पुलिस ने दबिश देकर सुरेंद्र सिंह, प्रेम शंकर, धीर सिंह, बुद्धिमान सिंह, आशीष यादव, चंद्रशेखर, बबीता, रंजना, रामकली और वंदना को गिरफ्तार कर लिया।

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