बाबा रामदेव द्वारा कोरोना की दवा बनाने के दावे के बाद आया आज आयुष मंत्री का बयान, कहा आयुष मंत्रालय के अनुमति तक रोके बाबा दवा का प्रचार
आदिल अहमद
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैश्विक की महामारी के बीच योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप ने मंगलवार को कोरोना आयुर्वेदिक किट लॉन्च की। पतंजलि ग्रुप का दावा है कि क्लीनिकल ट्रायल के दौरान दवा के 100 प्रतिशत नतीजे दिखाई पड़े हैं। ग्रुप के अनुसार, इससे सात दिन में 100 प्रतिशत कोरोना मरीज ठीक हुए हैं। दवा का नाम कोरोनिल और श्वासरि है। कंपनी की ओर से यह दावा ऐसे समय किया गया है जब पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है और कई देश वायरस की दवा विकसित करने में जुटे हैं। पतंजलि के संस्थापक योगगुरु रामदेव ने प्रेस कान्प्फ्रेंस में बताया था कि दवा का नाम ‘कोरोनिल और श्वासरि’ है। इसे देशभर में 280 मरीजों पर ट्रायल और रिसर्च करके विकसित किया गया है।
बाबा रामदेव के इस दावे के बाद ही मंगलवार को पतंजलि की कोरोना टैबलेट के मामले में आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि उसे इस दवा के बारे में साइंटफिक स्टडी वगैरह की सूचना नही है। मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से कोविड की दवा की कम्पोजिशन,रिसर्च स्टडी और सैम्पल साइज समेत तमाम जानकारी साझा करने को कहा था। मंत्रालय ने पतंजलि ग्रुप से कहा था कि इस दावे के परीक्षण होने तक इस दवा का प्रचार-प्रसार न करें, इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार के सम्बंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी से इस प्रोडक्ट की अप्रूवल की कॉपी भी मांगी गई है।
अब पतंजलि ग्रुप की कोरोना दवा को लेकर सरकार के आयुष मंत्री श्रीपद नाइक की प्रतिक्रिया सामने आई है। केंद्रीय मंत्री नाइक ने कहा कि यह एक अच्छी बात है कि योगगुरु ने देश को एक नई दवा दी है, लेकिन इसे आयुष मंत्रालय की ओर से उचित अनुमति की जरूरत है। उन्होंने पुष्टि किया कि पतंजलि ग्रुप ने इस दवा से संबंधित दस्तावेज कल ही मंत्रालय को भेजे थे।
आयुष मंत्री ने कहा, “यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को एक नई दवा दी है, लेकिन नियमों के अनुसार, उन्हें पहले आयुष मंत्रालय में आना होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने एक रिपोर्ट भी भेजी है। हम इस पर विचार करेंगे और रिपोर्ट देखने के बाद अनुमति दी जाएगी।’ केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा, “कोई भी दवाई बना सकता है। जो कोई भी दवा बनाना चाहता है, उसे आयुष मंत्रालय के टास्क फोर्स से गुजरना पड़ता है। सभी को आयुष मंत्रालय को पुष्टि के लिए अनुसंधान का विवरण भेजना पड़ता है। यह नियम है और कोई भी इसके बिना अपने उत्पादों का विज्ञापन नहीं कर सकता है।”
उत्तराखंड आयुर्वेद डिपार्टमेंट ने दिया नोटिस
पतंजिल को आयुर्वेद डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी किया है. उत्तराखंड आयुर्वेद डिपार्टमेंट का बयान आया है कि पतंजलि द्वारा कोरोना की दवा का लाइसेंस नहीं लिया गया है और न ही दिया गया है. कफ और बुखार ठीक करने बात कही थी, इम्यूनिटी बढ़ाने की बात बताई गई थी।