वाराणसी – पुलिसकर्मी के साथ हाथापाई व मारपीट करने वाले दुर्दान्त अपराधी नाटे यादव को धरदबोचा चौक पुलिस ने, जाने कैसे हुई गिरफ़्तारी और क्या है अपराधिक इतिहास
तारिक आज़मी
वाराणसी। अपराधियों पर लाख लगाम लगाये जाने के बावजूद कुछ अपराधी अधिक ही मनबढ़ हो चुके है। इनसे से एक है संजय यादव उर्फ़ नाटे यादव। हत्या, लूट हत्या के प्रयास इत्यादि के 9 मामलो में जेल की सैर करने के बावजूद भी नाटे यादव का नाम भले नाटे है मगर हौसला पस्त नही हुआ। उसकी इस मनबढ़ का अंदाज़ कल रात लगभग 09-09:30 बजे के करीब देखने को मिला जब बुलानाला चौराहे सड़क पर गुंडई के मुद्रा में टहलते हुवे देख इसको पिकेड पर तैनात सिपाहियों ने रोका।
सिपाहियों के रोके जाने के बाद ऐसा लगा जैसे इस नाटे यादव की शान में गुस्ताखी हो गई हो। अचानक हमलावर मुद्रा में आते हुवे पुलिस वालो को हडदब में लेने के प्रयास में उनके साथ जान से मारने की धमकी, नौकरी खा जाने की धमकी देते हुवे हाथापाई तक उतर आया। मौके पर मौजूद सिपाहियों ने पहले तो स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया मगर जब देखा कि नाटे यादव बड़े कारनामो को अंजाम देना चाहता है तो फिर क्या था। पुलिस के आगे नाटे की गुंडई दो मिनट में अचानक काफूर हो गई।
मौके पर मौजूद हे0का0 नन्दलाल सिंह, पहले नाटे को हाथापाई से रोकने के लिए उसको कसकर जकड लिया। जिसके बाद नाटे यादव हे0का० नंदलाल को धक्का देकर भागने की कोशिश करने लगा। फिर क्या था, मौजूद सभी सिपाहियो क्रमशः हर्षित वर्मा, का0 कमल कुमार यादव, हे0का0 श्याम नारायण वर्मा ने दौड़ा कर नाटे को हिरासत में ले लिया और उसको थाने लेकर आये। खुद को पुलिस गिरफ्त में फंसा देख नाटे ने पैतरा बदला और अपनी गलती की माफ़ी मांगते हुवे जुर्म कबूल करने लगा। मगर पुलिस उसकी बढते हुवे दुस्साहस को तोडना चाहती थी और माफ़ी देने का काम अदालत पर छोड़ते हुवे मु0अ0सं0 62/2020 धारा 393,332,353,323,504,506 भा0द0वि0 दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही कर संजय यादव उर्फ़ नाटे यादव को बुक कर दिया। गिरफ्तार अभियुक्त नाटे यादव का पूरा नाम संजय यादव उर्फ नाटे पुत्र शम्भूनाथ यादव है जिसका निवास सीके 59/51 सुड़िया, कूड़ाखाना के पास थाना, चौक वाराणसी है।
नाटे यादव आया राम गया राम वाली अपराधिक दुनिया में बेताज बादशाह बनने की तमन्ना लेकर छोटी सी उम्र में ही अपराध में बड़ा इतिहास रखने लगा है। महज़ 24 साल की उम्र में ही उसके ऊपर कुल 9 अपराधिक मुक़दमे पंजीकृत हो चुके थे। जिसमें मु0अ0सं0 150/2016 धारा 147,148,307,141,504,506 IPC चौक, जनपद वाराणसी, मु0अ0सं0 88/2018 धारा 307,395,34,412,504 IPC व 3/25 आर्म्स एक्ट, चौक, जनपद वाराणसी, मु0अ0सं0 237/2017 धारा 302,341,120B IPC चौक, जनपद वाराणसी, मु0अ0सं0 240/2017 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट, चौक, जनपद वाराणसी, मु0अ0सं0 001/2018 धारा 3(1) उ0प्र0 गिरोहबन्ध समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986, मु0अ0सं0 30/2019 धारा 323,452,504,506 भा0द0वि0, चौक, जनपद वाराणसी, मु0अ0सं0 178/2019 धारा 406,420 भा0द0वि0 चौक, जनपद वाराणसी, मु0अ0सं0 190/2019 धारा 406 भा0द0वि0 चौक, जनपद वाराणसी, मु0अ0सं0 213/19 धारा 3(1) उ0प्र0 गिरोहबन्ध समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 थाना चौक, जनपद वाराणसी पंजीकृत था। इसके बाद आज दसवा मुकदमा भी पंजीकृत हो गया।
नाटे यादव की इस गिरफ़्तारी में सबसे बड़ी बात ये थी कि नाटे यादव को गिरफ्तार करने वालो में कोई भी एसआई नही था, सभी हेड कांस्टेबल से लेकर कांस्टेबल ही थे, जिसमे हे0का0 नन्दलाल सिंह, हर्षित वर्मा, का0 कमल कुमार यादव, हे0का0 श्याम नारायण वर्मा थाना चौक वाराणसी।