कोलकाता हाई कोर्ट ने दिया पूजा पंडालो में “नो एंट्री ज़ोन” वाले आदेश में थोड़ी ढील, अब 45 लोग एक बार में कर सकते है पांडाल में प्रवेश

आदिल अहमद

कोलकाता: पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार दशहरा शुरू होने से एक दिन पहले, कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज अपने पुराने आदेश में ये ढील दी है कि अब पंडाल में अधिकतम 45 लोग जा सकते है। कोर्ट ने इससे पहले कोरोनोवायरस महामारी की वजह से पूजा पंडालों को दर्शनार्थियों के लिए “नो-एंट्री जोन” घोषित कर दिया गया था। इसके बाद शहर में 400 शीर्ष दुर्गा पूजा आयोजकों ने आदेश की समीक्षा के लिए कोर्ट में अपील की थी। दुर्गा पूजा आयोजकों की कंट्रोलिंग संस्था, दुर्गोत्सव मंच ने मंगलवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूजा पंडालों को नो एंट्री जोन बताने वाले आदेश में आंशिक ढील दी है। हाईकोर्ट के नए आदेश के मुताबिक अब अधिकतम 45 लोग एक बार में पंडाल में प्रवेश कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि बड़े पूजा पंडालों में अधिकतम 60 लोग जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि पंडाल में प्रवेश की इजाजत पाने वालों के नामों की लिस्ट हर दिन सुबह आठ बजे तक पंडाल के गेट पर लगानी होगी। अदालत ने ढाक या पारंपरिक ड्रम वादकों को भी नो एंट्री जोन में जाने की इजाजत दे दी है। वे अब पंडाल के गेट के बाहर ढोल बजा सकते हैं।

हाईकोर्ट ने ताजा आदेश में कहा है कि आकार में छोटे पंडालों में प्रवेश के लिए दैनिक रूप से नामों की लिस्ट बनानी होगी। उन पंडालों में एक बार में अधिकतम 10 लोगों को ही जाने की अनुमति होगी। कोर्ट ने  300 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में बने पंडालों को बड़े पंडालों के रूप में परिभाषित किया है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *