मतदाताओ को वायदों से रिझाते प्रत्याशी, खाने पीने वाले मतदाताओं की बल्ले बल्ले
बापूनंदन मिश्र
रतनपुरा(मऊ): पंचायत चुनाव में नामांकन का दौर खत्म हो चुका है, पर्चों की जांच एवं वापसी तथा चुनाव चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया गतिमान है। ऐसे में चुनाव में ताल ठोक रहे प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की हर संभव कोशिश करते देखे जा रहे हैं। कहीं पीढ़ियों के पुराने संबंधों का हवाला देकर प्रत्याशी मतदाताओं को अपनी तरफ वोट करने का निहोरा कर रहे हैं, तो कहीं वोटरों के प्रभावी संबंधियों की तलाश कर उन के माध्यम से उन्हें अपने पक्ष करने के अचूक नुस्खे को भी व्यवहार में अपनाया जा रहा है। जब कि कुछ प्रत्याशी अपने आप को अन्यों की अपेक्षा अधिक कर्मठ, ईमानदार एवं समाजसेवी बताकर मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट करने को कह रहे हैं।
कुल मिलाकर चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी जो जैसे उस भाव मे उसे अपने पक्ष में वोट कराने की रणनीति पर काम करते देखे जा सकते हैं। उधर मतदाता भी सभी को समान भाव देकर प्रत्याशियों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि चुनाव उन्हीं के पक्ष में है। मतदाताओं का एक वर्ग ऐसा भी है जो प्रचार के लिए आए प्रत्यासी एवं उनके समर्थकों के साथ बड़ी सरलता से पेश आते हुए यह कह दे कह रहा है कि मैं आपके साथ घूम नहीं सकता, किंतु वोट तो आप ही को तो करूंगा।
ऐसा कह कर सभी प्रत्याशियों को खुश करने तथा स्वयं को अन्य प्रत्याशियों की नाराजगी से बचाने का प्रयास करते भी देखे जा रहे हैं। वहीं कुछ मतदाताओं को खर्चा- खुराक देकर भी प्रत्याशी अपने पक्ष में करने की गुप-चुप रणनीति पर काम कर रहे हैं, लिहाजा खाने-पीने वाले मतदाताओं की बल्ले-बल्ले है।