महामारी अधिनियम ताख पर रख आखिर बाल भारती स्कूल (लोहटिया) क्यों छुपा रहा है ये बड़ी जानकरी ? पढ़े विद्यालय के प्रबंधक/प्राचार्य मेहदी बख्त का अजीब-ओ-गरीब बयान
अनुराग पाण्डेय
वाराणसी। वाराणसी के कोतवाली थाना अंतर्गत स्थित लोहटिया में बाल भारती स्कूल के सम्बन्ध में एक बड़ी जानकारी हमारे हाथ लगी है। बाल भारती विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं की हुई कोरोना जाँच में अधिकतर शिक्षक और शिक्षिकाये कोरोना संक्रमित मिले है। इस जानकारी के बाद से बाल भारती विद्यालय का मैनेजमेंट इस खबर को छुपाने में खास तौर पर लगा हुआ है। हमारी जानकारी के अनुसार इस विद्यालय के शिक्षण कार्य से जुड़े लोगो की जाँच में 90 फीसद से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले है।
कोरोना संक्रमित रिपोर्ट आने के बाद से शिक्षक शिक्षिकाओं में काफी हडकम्प की स्थिति है। सूत्रों के अनुसार विद्यालय प्रबंधन ने उन्हें किसी प्रकार की चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध नहीं करवाई है। हमारे सूत्र तो ये भी बताते है कि विद्यालय प्रबंधन के द्वारा संक्रमित घोषित हुवे शिक्षक और शिक्षिकाओं को सख्त निर्देश दिया गया कि ये जानकारी वह किसी से साझा न करे और घरो में शांति पूर्वक रहकर ऑनलाइन शिक्षण का कार्य करते रहे। इस जानकारी के मिलने के बाद हमने इसको क्रास चेक किया तो जानकारी सही प्राप्त हुई।
बाल भारती से सम्बन्धित एक शिक्षक हमको रास्ता चलते मिले। पूर्व परिचित होने के कारण हमने उनका हालचाल लिया तो वो दो कदम खुद से पीछे हटते हुवे दिखाई दिए। और मेडिकल स्टोर से विटामिन –डी की टिकिया की मांग भी काफी दूर से किया। हमने इसका कारण उनसे सिर्फ एक शब्द में पूछा कि मास्टर साहब खैरियत तो है। वो धीरे से बोले कि हाँ कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसी कारण दुरी बनाये हुवे हु। बस दिक्कत इतनी है कि कोई करने वाला नही है तो आज तीन दिनों बाद खुद ये दवा लेने इतनी रात को निकला हु ताकि पूरा सन्नाटा हो जाए और अन्य किसी को इसकी जानकरी न हो।
शिक्षण के लहजे में नर्मी के साथ उनकी बेचारगी भी दिखाई दे रही थी। हमने विस्तार से जानकारी लिया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में 9 अप्रैल को कोरोना का टेस्ट सबका हुआ था। सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं ने इस टेस्ट को करवाया था। दिनांक 13 अप्रैल को टेस्ट रिपोर्ट हमारी पॉजिटिव आई तो हमने अपने सहकर्मियों से इस सम्बन्ध में जानकारी इकठ्ठा किया तो पता चला कि 90 प्रतिशत से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके पहले ही मैनेजमेंट ने सख्त हिदायत दिया था कि रिपोर्ट की जानकारी किसी को नही देना है। यहाँ तक कि किसी को भी रिपोर्ट अपनी स्कूल ग्रुप में नहीं डालना है। अब चिंता सिर्फ इसकी है कि जो अभिभावक अथवा छात्र छात्राये इस दरमियान हमारे संपर्क में आये होंगे जो हमको याद भी नहीं है वो कही हमारे कारण संक्रमित न हो गए हो। उनको जानकरी भी हम नही दे सकते है।
इस बड़े जानकारी के बाद हमने अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं जिनसे संपर्क हो सका जानकारी इकठ्ठा किया तो मामला सत्य निकला। अब सवाल स्वास्थ्य विभाग से भी है कि अभी तक कांटेक्ट ट्रेसिंग क्यों नही हुई ? सवाल विद्यालय के प्रबंधतंत्र से भी है कि आखिर उसने इतनी बड़ी जानकारी क्यों छुपाये रखा। सवाल कई अनसुलझे रह गए थे तो हमने जिम्मेदारो को देर रात फोन खडखड़ाना शुरू कर दिया।
क्या कहा प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी ने
प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एन0 पी0 सिंह से जब कोरोना संक्रमितो के कांटेक्ट ट्रेसिंग से सम्बन्धित सवाल पूछे तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बेशक कांटेक्ट ट्रेसिंग के काम में हमको दिक्कत आ रही है। कारण स्टाफ की कमी है। प्रतिदिन भारी संख्या में नए संक्रमित केसेस आ रहे है। उतनी बड़ी ताय्दात में लोगो के कांटेक्ट ट्रेसिंग के काम में दिक्कत ये आ रही है कि हमारे काफी स्टाफ पंचायत चुनाव ड्यूटी में गये हुवे है। संक्रमितो की संख्या अधिक होने के बावजूद भी हम कांटेक्ट ट्रेसिंग के काम को कर रहे है। इस कार्य में लगे लोग दिन रात मेहनत कर रहे है।
हमने जब उनसे बाल भारती के सम्बन्ध में पूछा तो उन्होंने बताया कि जानकारी में है कि उस विद्यालय के अधिकतर स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए है। इस सम्बन्ध में कल ही कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य वहा होगा। शिक्षण कार्य में जुटे लोगो के कांटेक्ट ट्रेसिंग थोड़ी बड़ी हो सकती है। मगर इसकी जानकारी विद्यालय के द्वारा छुपाना कही से सही नही है। विद्यालय को इसकी जानकारी देने में क्या हर्ज है, यदि कोई संपर्क में आया होगा तो वह स्वतः जाँच करवा लेना। हम इस विद्यालय से मिले पॉजिटिव केस की कांटेक्ट ट्रेसिंग कल ही शुरू करवायेगे।
हमको नहीं है जानकारी, अपने को-आर्डिनेटर से पूछ कर बतायेगे – प्रबंधक मेहंदी बख्त
हमने बाल भारती विद्यालय के प्रबंधक और प्राचार्य मेहंदी बख्त से फोन पर बात किया तो साहब हमारे सवालो से थोडा हडबडा गए। उन्होंने कहा कि नहीं ऐसी कोई जानकारी हमारे पास नही है। हमारे शिक्षक शिक्षिका के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी हमको नही है। असल में सभी काम हमारे को-आर्डिनेटर देखते है तो आप सवाल हमसे बता दे तो हम उनसे पूछ कर उत्तर दे देंगे। हम भी बड़े घाघ निकले और पूछ बैठे कि बख्त साहब हमारी जानकारी के अनुसार टेस्ट होते समय आप स्वयं उपस्थित थे और आपने शिक्षक शिक्षिकाओं को सख्त हिदायत दिया था कि कोई भी अपनी रिपोर्ट की जानकारी किसी को न प्रदान करे और विद्यालय के ग्रुप में तो एकदम न डाले। फिर आप कैसे कह सकते है कि आपको जानकारी नही है।
मेहंदी बख्त साहब शायद हमारी जानकारी से स्तब्ध रह गए होंगे और उन्होंने कहा कि साहब मैं अपने को-आर्डिनेटर से पूछ कर आपके सवाल का जवाब दे दूंगा आप सवाल हमको टेस्ट मैसेज कर दे। हमने सवाल बख्त साहब को टेक्स्ट कर दिया और 8 घंटे समाचार लिखे जाने तक बीत चुके है अभी तक साहब का जवाब नही आया। वैसे बख्त साहब मीडिया के सवालो से जब भी उलझते है तो हमेशा को-आर्डिनेटर पर बात को टाल देते है। उनके को-आर्डिनेटर साहब के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार वो खुद को एक पुराने प्रातः कालीन समाचार पत्र का सम्वाददाता बताते है। इसके पहले भी एक प्रकरण में वर्ष 2019 में बख्त साहब एक छात्र की टीसी जारी करने के लिए तीन महीने की एक्स्ट्रा फीस की मांग कर रहे थे। मेरे परिचित होने के कारण उस छात्र के अभिभावक ने मुझसे संपर्क किया तो बख्त साहब ने उस समय भी मीडिया का नाम सुनकर को-आर्डिनेटर साहब का झटका मुझे दिया था। मगर शायद उनको नही मालूम कि उनके को-आर्डिनेटर साहब मुझको समझा नहीं पाए। आखिर बख्त साहब ने टीसी केवल टीसी फीस 200 रुपया लेकर जारी कर दिया था।
बढ़ गया है स्वास्थ्य विभाग का काम
विद्यालय के इस ढीले और गोपनीय रवैये से स्वास्थय विभाग का काम काफी बढ़ गया है। बेशक आज हम जिस शिक्षक से मिले उससे काफी दिनों बाद मुलाकात हुई थी। बेशक हम काफी दुरी से खड़े होकर पुरे सुरक्षा के साथ बात कर रहे थे। मगर ये सबके साथ नही हुआ होगा। हकीकत में शिक्षक शिक्षिकाये अपने घरो में और कम से कम आसपडोस में लोगो से मिले या मिली होंगी। 9 अप्रैल के सैम्पल कलेक्शन के बाद न जाने कितनो को प्रसाद के रूप में ये तकसीम हो गया होगा। मगर बख्त साहब को इससे क्या फर्क पड़ता है। ये काम तो स्वास्थय विभाग का बढ़ा है। उनको तो अपने विद्यालय की आन बान और शान से मतलब है। अपनी आन बान और शान को मेंटेन रखने के लिए बख्त साहब ने कितना रिस्क शहर के कई इलाको में दे दिया है इससे उनको क्या मतलब ?