दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन संकट को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुवे कहा – “इमरजेंसी जैसे हालात ने दिखाया, सरकार के लिए लोगो की जान की फिक्र नही”
आदिल अहमद
नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते केसों के बीच लगभग हर बड़े शहर के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं। ज्यादातर अस्पतालों में ऑक्सीजन का बेहद कम स्टाक बचा है। इस आक्सीज़न संकट को लेकर दाखिल मैक्स हास्पिटल की अपील पर सुनवाई करते हुवे आज दिल्ली हाई कोर्ट के जजों ने केंद्र सरकार को जमकर खरी खरी सुनाई है। अदालत ने इस अपील की सुनवाई करते हुवे कहा कि “इमरजेंसी जैसे हालात ने दिखाया, सरकार के लिए लोगो की जान की फ़िक्र नहीं है।”
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुवे पूछा है कि जमीनी हकीकत को लेकर केंद्र सरकार इतनी बेखबर क्यों है? हाईकोर्ट ने कहा कि (ऑक्सीजन को लेकर) यह अपने आप में इमरजेंसी जैसे हालात हैं, इसके मायने हैं कि सरकार के लिए इंसान की जिंदगी कोई मायने नहीं रखती। देश की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन संकट को लेकर हाईकोर्ट के जजों ने केंद्र सरकार के रुख को लेकर और भी कई सख्त टिप्पणी किया है। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार आखिर वास्तविक हालात पर जाग क्यों नहीं रही। सरकार जमीनी हकीकत को लेकर इतनी बेखबर क्यों है? आप ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों को इस तरह मरने नहीं दे सकते।
दिल्ली हाईकोर्ट आज मैक्स हॉस्पिटल की उस अपील पर सुनाई कर रही थी जिसने अपने दो अस्पतालों में दोपहर में ऑक्सीजन की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट किया था। जब केंद्र सरकार ने कहा कि उसे इस याचिका से हैरानी हुई है तो हाई कोर्ट के जजों ने टिप्पणी की, ‘इस याचिका पर हैरान मत होइए। आपको हकीकत को समझना चाहिए। कल हमने पेट्रोलियम और स्टील इंडस्ट्री के ऑक्सीजन के बारे में बात की थी, आपने क्या किया है?’ इस पर जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि फाइल ‘आगे बढ़ाई जाने’ लगी हैं तो कोर्ट ने तल्ख लहजे में पूछा, ‘नतीजा क्या है? हमें इन फाइलों को लेकर फर्क नहीं पड़ता। इंडस्ट्री मदद के लिए तैयार है। आपके पास अपनी पेट्रोलियन कंपनियां है, एयरफोर्स है, हमने कल कई आदेश दिए थे, आपने पूरे दिन क्या किया?
हाई कोर्ट ने आज तल्ख़ लहजे में केंद्र सरकार को खरी खरी सुनाते हुवे कहा कि सरकार जमीनी हकीकत को लेकर इतनी बेखबर क्यों है? आप ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों को इस तरह मरने नहीं दे सकते।आप अपना समय लेते रहें और लोग मरते रहें ? आप इंडस्ट्री को लेकर चिंतित है जबकि लोग मर रहे हैं। हमारी चिंता का कारण केवल दिल्ली नहीं है। हम जानना चाहते है कि पूरे भारत में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर केंद्र क्या कर रहा है? ऑक्सीजन की जरूरत कई बार बढ़ी है। यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करे। जो भी हम उन्हें जीवन के मौलिक अधिकार की रक्षा का निर्देश देते हैं।
अदालत ने सख्त लफ्जों में केंद्र सरकार से कहा कि यदि टाटा अपने स्टीट प्लांट से उत्पादित ऑक्सीजन को डायवर्ट कर सकते हैं तो अन्य क्यों नहीं? क्या इंसानियत का कोई मतलब नहीं हैं? सरकार स्टील और पेट्रोलियम इंडस्ट्रीज से ऑक्सीजन डायवर्ट कर सकती है जो उनके इस्तेमाल के लिए प्रोड्यूस की जा रही है। कल हमने पेट्रोलियम और स्टील इंडस्ट्री के ऑक्सीजन के बारे में बात की थी, आपने क्या किया है?’ ‘नतीजा क्या है? हमें इन फाइलों को लेकर फर्क नहीं पड़ता। इंडस्ट्री मदद के लिए तैयार है। आपके पास अपनी पेट्रोलियन कंपनियां है, एयरफोर्स है, हमने कल कई आदेश दिए थे, आपने पूरे दिन क्या किया?’ सरकार जमीनी हकीकत को देखकर ‘जाग’ क्यों नहीं रही? हम हैरान हैं, यह क्या हो रहा है? कृपया हालात की गंभीरता पर गौर करें। हजारों जान खतरे में हैं। क्या आप हजारों लोगों को इस तरह मरने देना चाहते हैं। इसके बजाये आप चाहते हैं, स्टील प्लांट चलते रहें।