देखे वायरल वीडियो – युवक ने अपनी माँ के लिए माँगा आक्सीज़न, भाषा पर भड़के केंद्रीय मंत्री, कहा “दो खायेगा ?”

तारिक़ खान

भोपाल: एक तरफ जहा ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई और उसकी उपलब्‍धता को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने  गुरुवार को उच्‍चस्‍तरीय बैठक की। बैठक में ऑक्‍सीजन सप्‍लाई की उपलब्‍धता बढ़ाने के तरीकों और साधने पर चर्चा की गई। इस मौके पर अधिकारियों ने पीएम को पिछले कुछ सप्‍ताहों में ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई में सुधार के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। पीएम ने इस दौरान ऑक्‍सीजन का उत्‍पादन बढ़ाने, ऑक्‍सीजन आपूर्ति की गति में तेजी लाने और इनावेटिक तरीकों से हेल्‍थ फेसिलिटी को ऑक्‍सीजन सपोर्ट मुहैया कराने जैसे पहलुओं पर तत्‍परता से काम करने की जरूरत बताई।

वही दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे वो आक्सीज़न की मांग कर रहे एक युवक को दो थप्पड़ खाने की बात कह रहे है। वैसे मंत्री जी के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा, केंद्रीय मंत्री ने डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे शख्स को रोकने का प्रयास किया था। मगर लोग इसको पैच मैनेजमेंट के तौर पर देख रहे है क्योकि मंत्री जी के शब्द कैमरों में कैद हुवे है और सोशल मीडिया पर ये जमकर वायरल हो रहा है। मामला मध्य प्रदेश के दमोह का है। जहा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल अपने संसदीय क्षेत्र दमोह में जिला अस्पताल में मौजूद थे। उसी वक्त अपनी मां के इलाज के लिए परेशान व्यक्ति ऑक्सीजन की कमी की शिकायत करने लगा। व्यक्ति ने कथित तौर पर एकाध अपशब्दों का प्रयोग किया तो केंद्रीय मंत्री उखड़ गए। मंत्री जी शख्स के पास गए और कहा “दो खायेगा ?”

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कोरोना संक्रमित मरीज के एक तीमारदार द्वारा ऑक्सीजन की कमी को लेकर की जा रही शिकायत पर कैमरे के सामने ये सब कहा। ऑनलाइन वायरल हुए वीडियो में युवक कह रहा था, ये सब हमें बेवकूफ बना रहे हैं। 36 घंटे हो गए हैं, हम बेचेन हैं। ये कह रहे हैं कि सिलेंडर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ये साफ-साफ क्यों नहीं कह देते कि ऑक्सीजन नहीं है शिकायत पर नाराज मंत्री ने कहा, ऐसे बोलेगा तो अभी दो खाएगा। इस पर युवक ने कहा, हम खाएंगे सर, मेरी मां यहां पड़ी है। इस पर संभले मंत्री ने पूछा, क्या तुम्हें किसी ने ऑक्सीजन सिलेंडर देने से मना किया। इस पर वह शख्स बोला, हां इनकार किया गया है। सिर्फ 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन दी गई है। अगर ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं हो पा रहा है तो अस्पताल मना कर दे।

बहरहाल वायरल वीडियो और केंद्रीय मंत्री के कार्यालय के बयानों के बीच भारी विरोधाभास देखने को मिल रहा है। मगर क्या सही क्या गलत का फैसला न करते हुवे हम सिर्फ इतना ही कहते है कि एक केंद्रीय मंत्री के मुह से निकले ये शब्द उन्हें शोभा नही देते है। हर मारीज का तीमारदार परेशान होता है। वह अपने मरीज़ के लिए आस्मां से तारे तोड़ कर भी लाने को तियार रहता है। मगर उसकी भावनाओं को न समझना ज़िम्मेदारी का बोध नही करवाता है।

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