आदमपुर थाना क्षेत्र के वायरल वीडियो का सामने आया पूरा सच, दुकानदार शानू और बाबु को मिल गया था उसी समय सामान, लॉक डाउन का उलंघन कर खोला था दूकान
तारिक आज़मी
वाराणसी। वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र का एक वीडियो कल रात से वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में दो पुलिस कर्मी एक खजूर की दूकान से खजूर और अन्य सामान उठा रहे है। इस वीडियो को आज पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी ट्वीट किया था। वीडियो वायरल होने पर हमारे द्वारा भी इस सम्बन्ध में समाचार का प्रकाशन किया गया था। इन सबका संज्ञान लेकर पुलिस कमिश्नर वाराणसी ने मामले की जाँच एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह को सौपी। मामले में एसीपी प्रवीण सिंह ने तत्काल संज्ञान लेकर तफ्तीश शुरू कर दिया। तफ्तीश में पूरा सच वीडियो का निकल कर सामने आया।
तफ्तीश के दरमियान जो वायरल वीडियो का सच सामने आया वह यह था कि आदमपुर थाना क्षेत्र के छित्तनपुरा के खजूर विक्रेता शानू और बाबु ने लॉक डाउन में अपनी दुकाने खोल कर खजूर की बिक्री किया जा रहा था। एक सच ये भी सामने आया कि इनकी खुली दूकान देख कर अन्य छोटे दुकानदारो ने भी अपनी दुकाने खोल लिया था और मौके पर खरीदारों की भारी भीड़ इकठ्ठा हो चुकी थी। इसकी जानकारी होने पर फैंटम में तैनात हेड कांस्टेबल राकेश सिंह एक अन्य कांस्टेबल के साथ मौके पर पहुचे और भीड़ को हटाया।
इस दरमियान खुली दुकानों को उसके विक्रेताओ से डांट कर बंद करवाया गया। तभी खजूर का दुकानदार शानू और बाबु अपनी दूकान छोड़ कर भाग गए। उनके मौके पर नही होने की स्थिति में राकेश सिंह द्वारा सामान जब्त किया जा रहा था कि तभी दोनों दुकानदार वापस आये और अपनी गलती मानी। जिसपर उन्हें चेतावनी देते हुवे उनका सामान वापस कर दिया गया। इस दरमियान सामान उठाता हुआ किसी व्यक्ति द्वारा वीडियो बना लिया गया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस तफ्तीश के क्रम में एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह के द्वारा खजूर विक्रेता शानू और बाबु से भी उनका बयान लिया गया। इस बयान में उन्होंने सामान वापस मिलने और लॉक डाउन का उलंघन कर दूकान खोलने की बात स्वीकार किया। दोनों ने ही पुलिस को लिखित में इस बात को स्वीकार करता हुआ पत्र भी दिया गया है।
एक तरफ जहा महामारी अपने चरम पर है और लोग कोरोना महामारी का शिकार हो रहे है जिसकी रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त निर्देश जारी किये अहि और साप्ताहिक लॉक डाउन किया गया है। वही दुसरे तरफ बाबु और शानू जैसे दुकानदार इस महामारी में अपने चंद पैसो के फायदे के लिए इस प्रकार से दुकानों को खोलकर महामारी अधिनियम का मखोल बनाया जाना वास्तव में निंदनीय है। लोग इस महामारी की भयावहता समझने को तैयार ही नही है।