वाराणसी नगर आयुक्त साहब एक नज़र इधर भी, गन्दगी से नर्क बना हुआ है नगर निगम में शामिल हुआ लोहता इलाका
अनुराग पाण्डेय/मो0 सलीम
वाराणसी। वाराणसी नगर निगम में शामिल हुवे लोहता इलाके से शायद अभी नगर निगम अपना रिश्ता कायम नही कर पा रहा ही। शायद यही वजह है कि किसी प्रकार इलाके में झाड़ू तो लग जा रहा है, मगर क्षेत्रीय नागरिको के अनुसार जब से नगर निगम में ये इलाका शामिल हुआ है तब से अभी तक यहाँ कूड़ा न तो उठा है और ना ही सीवर लाइन की सफाई हुई है। जिससे पूरा इलाका गन्दगी से बजबजा रहा है। हालात कुछ ऐसी हो चुकी है कि गन्दगी के कारण सीवर का पानी लोगो के घरो एक अन्दर तक घुस चूका है और इस पानी से होकर लोगो को आना जाना पड़ रहा है जो महामारी को दावत दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोहता इलाके को नगर निगम में शामिल कर लिया गया है। एक वर्ष पहले ही प्रधान का कार्यकाल खत्म कर दिया गया। प्रशासक नियुक्ति की क्या स्थिति है कुछ स्पष्ट नही हुई है। नगर निगम अपने कुनबे में शामिल हुवे इस इलाके को लेकर अभी तक उदासीन है। इसका खामियाजा यहाँ की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जिससे इलाके में सफाई के नाम अपर झाड़ू तो लग जा रहा है। मगर कूड़ा उठाने की व्यवस्था शुन्य है। कई महीनो से इस इलाके का कूड़ा उठा नही है। जिसके कारण इलाका गन्दगी से बजबजा रहा है।
तस्वीरे गवाह है कि गन्दगी का आलम क्या है क्षेत्र में। कलेक्ट्री फारम से लोहता थाना की रोड से जैसे ही आप धमरिया इलाके के अन्दर प्रवेश करते है दस कदम दूर ही कूड़े का अम्बार आपको दिख जायेगा। पहले आसपास के इलाको से कूड़ा उठकर यहाँ इकठ्ठा होता था और उसको गाडी से उठाया जाता था। पूर्व ग्राम प्रधान इम्तेयाज़ फारुकी बताते है कि मगर जब से नगर निगम में ये इलाका आया है तब से यहाँ से कूड़ा उठा ही नही है। पूरा भरा पड़ा हुआ है और कूड़ा एकत्रित करने की जगह भर जाने से यहाँ कूड़ा सडको तक आ पंहुचा है। इलाकाई लोगो ने बताया कि होली के पहले इस कूड़े को पूर्व ग्राम प्रधान ने जेसीबी अपने खर्च पर मंगवा कर सड़क से हटा कर ऊपर के तरफ चढवा दिया था ताकि आने जाने में दिक्कत न हो। कूड़ा उठवाने के बाद उसको फेकवाने की व्यवस्था कही नही थी।
मगर कुछ समय बाद ही वापस कूड़ा सड़क तक भर चूका है। कई गाडियों के इतना कूड़ा यहाँ एकत्रित है। जिससे इलाके में महामारी फैलने का खतरा अलग बना हुआ है। पूर्व ग्राम प्रधान इम्तेयाज़ फारुकी ने हमसे बात करते हुवे दावा किया कि नगर निगम के अधिकारियो से मिल कर कई बार इसको उठवाने का आग्रह किया गया है। मगर उसका कोई असर अभी तक नही हुआ है। हालात नर्क जैसी इलाके की होती जा रही है। कम्प्लेंन पर कम्प्लेन के बाद सम्बंधित विभाग से केवल आश्वासन की पुडिया मिलती है। मगर काम अभी तक जीरो है।
पूर्व प्रधान इम्तेयाज़ फारुकी ने हमको पुरे इलाके में घुमाते हुवे बताया कि लोहता धमरिया पुल से लेकर बाबू हाजी के अहाता तक इसी कूड़े के कारण सीवर लाइन जबरदस्त तरीके से जाम है। जिससे बाबू हाजी के अहाते के पीछे के इलाको से लेकर सबुवा पोखरा इत्यादि जगह पर नाले का पानी रिहायशी इलाको में भर गया है। सीवर पानी का निकास कूड़े के कारण जाम है जिससे सीवर का पानी जमा हो रहा है। सीवर का गन्दा पानी अब लोगों के घरों में जा चुका है। जिससे उनका रहना मुश्किल हो रहा है। इलाके के कुछ मानिंद लोगो ने बताया कि इलाके से इस सीवर के पानी भराव के कारण दर्जनों परिवार घर छोड़ कर अन्यंत्र जाने की सोच रहे है। हमसे बात करते हुवे क्षेत्रीय नागरिकों ने नाले की समस्या को लेकर आक्रोश जताया और कहा कि नाले की समस्या का समाधान नही होगा तो हमे यह क्षेत्र छोड़कर कही और जाना पड़ेगा।
बाबू हाजी के पीछे प्लाट पर रहने वाले शहाबुद्दीन और पप्पू पेशे से है बुनकर है। शहाबुद्दीन का कहना है कि लॉकडाउन की मार पहले से ही सता रही है। काम भी बिलकुल बन्द पड़ा हुआ है। काम जो मिल रहा है वह आठ दिन में महज़ दो साड़ी मिल रही है। यानी 500 रुपया हफ्ते की कारीगरी मिल रही है। आप इससे अंदाज़ा लगा सकते है कि हम अपने परिवार को अभी किसी तरीके से चला रहे है। ऐसे में घरो के अन्दर सीवर का पानी भर रहा है। जिससे बिमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। अगर कोई बीमार हो जाता है तो किसी तरीके से हम डाल रोटी चला रहे है फिर कहा से दवा इलाज का खर्च उठायेगे ?
उन्होंने कहा कि अब हमारा यह दर्द असहनीय हो गया है। हम सीधे साधे गरीब बुनकर तबके के मजदूर है। हम अपना विरोध प्रदर्शन भी नही कर सकते है। हमारी समस्या को कोई सुनने वाला नही है। हम अपने से इलाके के सीवर की सफाई करवाए तो फिर पैसे कहा से आयेगे। श्रम दान देने को हम तैयार है। अगर नगर निगम के पास कर्मचारी नही है तो सुविधाए उपलब्ध करवाए हम श्रम दान करेगे। जीवन जीने के लिए हम ये भी करने को तैयार है। मगर कोई अधिकारी संज्ञान तो ले पहले।!
पूर्व ग्राम प्रधान इम्तेयाज़ फारुकी ने हमसे बात करते हुवे कहा कि हमारे प्रधानमन्त्री का संसदीय क्षेत्र होने के कारण यहाँ सुविधाये अधिक होनी चाहिए। मगर सुविधा शुन्य पर खडी है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को इस इलाके में नगर निगम पलीता लगा रहा है। हम आखिर जाए तो जाए कहा, करे तो करे क्या ? कुछ समझ नही आ रहा है। मैं अपने खर्च से सफाई करवाने की सोचता भू हु तो यहाँ से कूड़ा उठवा कर फेकवाऊंगा कहा ? कहा से सीवर लाइन साफ़ करवाऊंगा ताकि इलाके में भरा हुआ सीवर का पानी निकल सके।
बहरहाल, इलाके में गंदगी का अम्बार देख कर तो कहा जा सकता है कि प्रधानमन्त्री के स्वच्छ भारत अभियान को आखिर क्यों नगर निगम पलीता लगा रहा है, ये समझ के बाहर है। इलाके में गन्दगी देख कर डर लगता है कि इस इलाके में कभी भी महामारी विकराल रूप ले सकती है। अब देखना है कि आखिर नगर निगम की नींद कब खुलती है और इस इलाके में सफाई होती है और कूड़ा उठता है।