मऊ के बेटे अभिषेक को अमेरिका में रिसर्च के लिए 56 लाख की स्कॉलरशिप

मुकेश यादव

मऊ। शहीद पिता के सपनों को पंख देने के लिए जब कोई बेटा तन-मन से लगा हो और एक दिन उसे खबर मिले कि उसका चयन अमेरिका के दो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी और यूनिवर्सिटी आफ पिट्सबर्ग में शोध के लिए हो गया है तो फिर क्या कहने। खुशी के मारे उसका पैर जमीन पर नहीं पड़ना स्वाभाविक है। इस खबर से जनपद के मधुबन तहसील के ग्राम सभा कुचाई गांव में सुभाष सिंह के आंगन में खुशियों का माहौल है।

साथ ही साथ मऊ नगर के ब्रह्मस्थान स्थित घर व रिश्तेदारों, शुभचिंतकों व परिचित हर कोई बेहद खुश है और एक दूसरे को इसकी बधाई दे रहा है। जनपद के मधुबन तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुचाई व नगर के ब्रह्मस्थान निवासी बीएसएफ में कांस्टेबल शहीद अखिलेश सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह का चयन 56 लाख रूपये वार्षिक छात्रवृत्ति के साथ अमेरिका के दो प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी और यूनिवर्सिटी आफ पिट्सबर्ग में शोध के लिए हुआ है।

शुरु से ही मेद्यावी अभिषेक सिंह ने कभी भी अपने मंजिल, जुनून व लक्ष्य से समझौता नहीं किया। इसी सोच की बदौलत वो अपने शहीद पिता अखिलेश सिंह के सपनों पूरी मेहनत व ईमानदारी से पूरा करना चाहते हैं। पिता के सपने को मन के कोने में स्थापित कर अभिषेक अंदर ही अंदर रोज जयद्योष किया करते थे। और उन्होंने कभी किसी को इसकी भनक भी नहीं लगने दी, और बढ़ते रहे चलते रहे मंजिल की ओर।

जैसे अभिषेक को खबर लगी की उनका चयन अमेरिका के दो प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में हो गया वे खुशी से झूम उठे मां श्रीमती संजू सिंह के पैरों की चरण वंदना कर, पिता के तस्वीर के सामने व घर के मंदिर में शीष झुका वे भावुक हो गये। वे बताते हैं कि पिता की इच्छा थी कि वे वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करें। कहते हैं आज पापा के सपनों को पंख देने के लिए एक सीढ़ी और चढ़ा काफी खुशी हो रही है।

अभिषेक बताते हैं कि उनके मेंटर दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र परमार और नेशनल यूनिवर्सिटी आफ सिंगापुर में प्रोफेसर डॉक्टर मनोज गुप्ता हैं उन्हें एडवांस मटेरियल और चिकित्सा के क्षेत्र में शोध कार्य के लिए प्रोत्साहित किया। आप द्वय के प्रेरणा और पिता जी के आशीर्वाद की बदौलत वे यहां तक पंहुचे हैं। अभिषेक बताते हैं वे शोध करने के बाद भारत लौटकर यहां चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं। अभिषेक की स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय मऊ से हुई है और उन्होंने छत्तीसगढ़ से स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई से बीटेक व एमटेक किया है। 2018 से 2020 तक वे रायपुर में एक निजी तकनीकी संस्थान में सहायक प्रवक्ता रहे हैं। उनकी दो बहने हैं। बड़ी बहन खुशबू सिंह विवाहित व छोटी बहन डा. गरिमा सिंह एमबीबीएस इंटर्नशीप छत्तीसगढ़ से कर रही है।

दादी श्रीमती बच्ची देवी ने अभिषेक को आशीर्वाद देते हुए बताया कि 20 वर्ष पहले उनके पुत्र अखिलेश सिंह देश के लिए शहीद होकर परिवार, जनपद व देश का नाम रोशन किया था आज पौत्र ने पिता के आदर्शों पर चलकर पुन: नाम रोशन किया पूरा परिवार गौरवांवित है।

अभिषेक इस सफलता पर अपनी दादी श्रीमती बच्ची देवी, बड़े पापा सुबाष सिंह, चाचा श्रीप्रकाश स़िह, मां संजू सिंह सहित गुरुजनों, परिजनों, दोस्तों को दिया। बधाई देने वालो में प्रमुख रुप से सिंह प्रणव, सूरज, प्रवीण, अनिल, राम, योगेश, भूपेश, सुमन, रेखा, खुशबू, डा. डी सी परसाई, आकाश, रोली, शुभम, मीरा, डा. मयंक चौबे, स्वतंत्र,रोशन, अशोक, संदीप, गुलशन, पंकज शामिल रहे।

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