आज तक है अबूझ पहेली जैसा मोस्ट वांटेड मनीष सिंह सोनू, या फिर भूल चुकी है पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश की वाराणसी पुलिस
तारिक आज़मी
वाराणसी। वाराणसी का मोस्ट वांटेड अपराधी मनीष सिंह “सोनू” आज भी वाराणसी पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली जैसा बन गया है। चौकाघाट दोहरे हत्याकांड से अचानक दुबारा चर्चा में आये मनीष सिंह सोनू पर वाराणसी पुलिस ने 2 लाख का इनाम घोषित कर रखा है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की रोहनिया पुलिस को भी एक मामले में मनीष सिंह सोनू की तलाश है। मगर मनीष सिंह सोनू वाराणसी पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली जैसा बना है।
मनीष सिंह “सोनू” एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर निवासी अनिल सिंह का ये बेटा बचपन से चोलापुर के उंदी गाँव में अपने मामा सुरेन्द्र सिंह के यहाँ रहता था। शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का मनीष सिंह सोनू जवानी के दहलीज़ में कदम रखते के साथ ही जरायम की दुनिया में बेताज बादशाहत के लिए बेचैन हो उठा था। उंदी ग्राम में रहते हुवे उसने अपने साथियों के साथ मिल कर कई जरायम को अंजाम दिया और लूट की कई घटनाओं में शामिल रहा। जिसमे वह जेल भी गया और 4 साल जेल में रहने के बाद वह वापस आया।
भले ही दुनिया के दिमाग में ये रहा हो कि मनीष सिंह सोनू 4 साल जेल में रहकर सुधर जायेगा, मगर हुवा उसका उल्टा। जरायम की दुनिया में प्राइमरी का स्टूडेंट के तौर पर जरायम की दुनिया में जेल जैसी अपराध की यूनिवर्सिटी से 4 साल के अन्दर जरायम की डिग्री ले लिया और ज़मानत पर छुट के आने के बाद वापस जरायम की दुनिया में कदम रख डाला।
जेल से बाहर आने के बाद मनीष सिंह सोनू ने अपना खुद का गैंग बना डाला। उसके गैंग में जितेन्द्र जायसवाल, बुच्ची सिंह जैसे अपराधी थे। सर पर सनी सिंह जैसे आका का हाथ था। इसने जितेन्द्र और बुच्ची सिंह के साथ मिल कर 59 लाख बैंक कैश लूट की घटना को अंजाम दिया था। सूत्रों की माने तो जेल में रहने के दरमियान सनी सिंह उर्फ़ रोहित सिंह और रोशन गुप्ता किट्टू के साथ इसकी दोस्ती हो गई थी। जो जेल के बाहर तक कायम रही। इसने रोशन गुप्ता “किट्टू” और रोहित सिंह सनी के साथ मिलकर कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया। जानकार मानते है कि सनी सिंह, रईस बनारसी और अब किट्टू के मारे जाने के बाद से मनीष सिंह सोनू गैंग चला रहा है।
कौन है इसके परिवार में
पुलिस सूत्रों की माने तो इस अपराधी के परिवार में इसका सहयोग देने वाला इसका पिता अनिल सिंह और बहन सोनल सिंह है। ग्राम नारोत्तमपुर इसके अपने पुश्तैनी भवन में हिस्सा मिलने के बाद वह मकान बंद रहता है। शहर में इसके पिता जगह जगह कमरा बदल कर रहता है और किराए पर रिक्शा चलाता है। मनीष सिंह सोनू के गैंग में अशोक यादव, राजेश यादव उर्फ़ भूवर यादव, पाले यादव आदि है। जिनके साथ मिलकर यह भिन्न प्रकार के अपराध में लिप्त है। वर्तमान समय में मनीष सिंह सोनू पुलिस के लिए एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है। 2 लाख का इनामियां अपराधी आखिर कहा चला गया इसका जवाब पुलिस के पास नही है।
मनीष सिंह सोनू के ऊपर वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर आदि शहरों में इसके ऊपर कुल 25 मुकदमा दर्ज है। हमारे सूत्रों के अनुसार मनीष सिंह सोनू विवादित संपत्तियों पर अपनी पकड़ बनाने लगा है। अतिगोपनीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक बड़े ट्रस्ट की सपत्ति पर भी मनीष सिंह सोनू की निगाह पड़ी हुई है, जिसमे वह बड़ा खेला करना चाहता है। पुलिस के हाथ आज भी मनीष सिंह सोनू के मामले में खाली है। अब देखना होगा कि वाराणसी पुलिस क्या इस अपराधी को पकड़ पाएगी या फिर ये फरार ही रहेगा। सूत्र तो ये भी बताते है कि ये कुख्यात अपराधी राजनैतिक शरण भी प्राप्त कर रखे है। इसके बाद से पूरा साम्राज्य अपराध और संपत्ति से जोड़ बैठा है। एनडी तिवारी हत्याकांड में अब जब मनीष सिंह सोनू का नाम खुल कर सामने आ चूका है तो इस बात को बल भी मिलता है। अपराध जगत का कभी छात्र मनीष सिंह सोनू और अपराध का गुरु बन चूका है। वही वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के हाथ आज भी मनीष सिंह सोनू से खाली है। सिर्फ कहानी किस्सों वाला मनीष सिंह सोनू बन कर रह चूका है। इसका कारण ये है कि जिस तन्मयता के साथ मनीष सिंह सोनू पर काम करने के बाद पुलिस को सफलता मिल सकती है, वह समय पुलिस के पास नही है।