आगरा में थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी प्रकरण : खेत चुग जाने के बाद जारी है भविष्य की सुरक्षा हेतु पुलिस की कवायद, मृतक अरुण के भाई रिंकू ने लगाए बड़े आरोप
आदिल अहमद / शाहीन बनारसी
डेस्क। आगरा के थाना जगदीशपुरा में मालखाने से 25 लाख की चोरी पिछले दरवाजे से हुई थी। अब इस दरवाज़े से कोई और घटना न हो सके, इसके लिए महकमे के द्वारा अपनी कवायद शुरू कर दी गयी है। पहले भी इस दरवाजे की तरफ थाने का गेट बंद रहता था। जिसको तोड़कर चोरी की गई थी। अब मालखाने के सुरक्षा की कवायद किया जा रहा है। टूटे हुए दरवाजे पर दीवार बना दी गई है। सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया जा रहा है। खिड़की बंद करवा दी गई है। इसके अलावा बंद गेट पर भी सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जा रहा हैं। मगर सवाल अभी भी अधुरा है कि मालखाने में हुई चोरी के समय थाने में तैनात पुलिसकर्मी आखिर क्या कर रहे थे, जो उनको ताले टूटने की आवाज़े नही आई।
बहरहाल, आगरा में लोहामंडी के पुल छिंगा मोदी के निवासी अरुण की मौत के मामले की विवेचना अब अलीगढ़ रेंज से की जाएगी। इस प्रकरण में कल शुक्रवार को मृतक के भाई रिंकू ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अवधपुरी पुलिस चौकी पर परिवार ही नहीं बल्कि रिश्तेदारों तक से पूछताछ की गई थी। रिंकू का आरोप है कि अरुण को भी चौकी पर लाया गया था। पूछताछ के दौरान उसकी पिटाई की गई थी। महिलाओं को भी पूछताछ के लिए चौकी पर बैठाया गया। घटना के बाद से परिवार दहशत में है। पुलिस के सामने कुछ भी नहीं बोल पा रहा है। रिंकू का कहना है कि रविवार की रात को पुलिस ने उसके घर से उसके साथ भाई बंटी, सोनू, जया, भाभी सुनीता, भतीजे आकाश, अरुण की पत्नी सोनम और मां कमला देवी को पकड़ लिया था। सभी को थाने ले गए। मां वृद्ध हैं। इस कारण उन्हें थाने पर ही बैठा दिया गया। बाकी को एक-एक करके चौकी पर ले जाया गया।
रिंकू का आरोप है कि पूछताछ में पुलिस ने हद दर्जे की बदसलूकी की। परिवार की महिलाओं से भी पूछताछ हुई। इसके लिए महिला पुलिसकर्मियों को लगाया गया। आरोप है कि हर किसी की पिटाई की गई। वह एक ही सवाल कर रहे थे कि अरुण कहां पर है, रुपये कहां रखे हैं, बाद में थाने लेकर आए थे। उनसे रिश्तेदारों के नाम पूछे गए थे। रिंकू ने बताया कि पुलिस ने भरतपुर निवासी अरुण के साले रोहित, आकाश, ससुर अनिल कुमार को पकड़ लिया। एत्माद्दौला के गौतम नगर से बहनोई महेश, रवि, उनके भाई सोनू, राजू और जीतू को पकड़ लिया। इसके बाद पीर कल्याणी और मथुरा से भी परिवार के लोगों को पकड़ा गया। उन्हें चौकी ले जाया गया।
रिंकू का आरोप है कि बाद में मंगलवार को अरुण पकड़ा गया। उससे भी चौकी पर ही पूछताछ हुई थी। भाई और अन्य लोग चौकी के एक कमरे में थे, जबकि अरुण अलग कमरे में थे। उसकी आवाज आ रही थी। पुलिस ने उसके साथ बर्बरता किया था। रात दो बजे तक वह ठीक था। अरुण के परिवार से पूछताछ करने वाले पुलिसकर्मियों को घरवाले पहचानते हैं। वो घर आने वाले हर पुलिसवाले की तरफ देखते हैं, यही सोचते हैं कि इसमें अरुण को अपने साथ ले जाने वाला तो नहीं, उसकी जिसने पिटाई लगाई वो कहां हैं, अरुण के मोहल्ले में पीएसी के साथ दूसरे सर्किल की फोर्स लगाई गई। कुछ पुलिसकर्मी बिना वर्दी के तैनात हैं। वाल्मीकि समाज में घटना को लेकर आक्रोश कायम है। इस दरमियान कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रियंका गाँधी द्वारा भेजे गए 30 लाख रुपये का चेक मृतक अरुण के परिजनों को दिया गया है। वर्तमान में क्षेत्र का माहौल तनावपूर्ण शान्ति लिए हुए है। वही मौके पर सुरक्षा हेतु लगायी गयी, भारी पुलिस फ़ोर्स सभी गतिविधियों पर पैनी नज़र रखे है।