पति निकला दहेज़ लोभी भेड़िया : दहेज़ हत्या के मुख्य 2 अभियुक्तों को पुलिस कमिश्नर की सिगरा पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज होने के चंद घंटो में गिरफ्तार

ए जावेद संग शाहीन बनारसी

वाराणसी। वारणसी पुलिस कमिश्नरेट की सिगरा पुलिस ने दहेज़ हत्या का मामला दर्ज होने के महज चंद घंटो में ही घर से फरार हुवे दो मुख्य अभियुक्तों को बस स्टैंड से गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता प्राप्त किया है। दहेज हत्या के आरोपी मृतका के पति और ससुर को पुलिस ने आज उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह कही फरार होने की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम संतोष गुप्ता और शिवनाथ गुप्ता है। दोनों अभियुक्त बाप बेटे है। पुलिस मामले में अन्य विधिक कार्यवाही कर रही है।

यह शर्मनाक घटना वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र के चन्दुआ स्थित छित्तुपुर की है। छपरा सारण बिहार के निवासी मुकेश गुप्ता ने अपनी बहन गोल्डी कुमारी का विवाह पिछले वर्ष 1 दिसंबर 2020 को चन्दुआ छित्तुपुर निवासी शिवनाथ के बेटे संतोष गुप्ता से बड़ी ही धूम धाम से किया था। भाई ने अपनी बहन की सुख हेतु अपने हैसियत के इतना दान दहेज़ भी दिया था। मगर दहेज़लोभी संतोष के मन को इतने से संतोष नही हुआ। उसने दहेज़ में पहले ही दिन से मोटरसायकल की मांग रख डाली। गोल्डी के भाई ने अपनी भरसक कोशिश किया कि दहेज़ लोभियों के मुह को बंद करवा सके। मगर दहेज़ लोभी संतोष अपने मन को बिना मोटर सायकल लिए संतोष नही करना चाहता है।

संतोष और उसका पिता शिवनाथ अक्सर घर की लक्ष्मी को मोटरसायकल लाने के लिए प्रताड़ित करते थे। वही गोल्डी इनकें तानो से तंग आ गई थी। जिसको लेकर रोज़ रोज़ झगड़ा हुआ करता था। दिनांक 16 अक्टूबर 2021 को गोल्डी से जब दुबारा मोटरसायकल की मांग ससुराल में पति और ससुर के द्वारा किया गया तो गोल्डी बेचैन हो उठी और सुबह मायके जाने की बात कह कर अपने कमरे में चली गई। आरोपी द्वारा पुलिस को दिए गये बयान को आधार माने तो कमरे के अन्दर जाने के बाद गोल्डी ने कमरा अन्दर से बंद कर लिया। गोल्डी के ससुर ने खुद के नम्बर से गोल्डी के भाई को फोन किया और गोल्डी को समझाने की बात कही। आरोपी संतोष का कहना है कि गोल्डी ने अन्दर जाकर खुद को फांसी लगा लिया।

गोल्डी के मौत होने के उपरांत संतोष और उसके परिजन उसको लेकर अस्पताल जाते है, जहा चिकित्सको के द्वारा गोल्डी को मृत घोषित कर दिया जाता है। इसके बाद संतोष अपने परिजनों के साथ मिलकर देर रात ही अँधेरे में उसका अंतिम संस्कार कर देता है ताकि गोल्डी के परिवार वाले आये तो उनको कोई साक्ष्य न मिल सके। संतोष और उसके पिता अपने इस मकसद में कामयाब भी हो गए थे। मृतक गोल्डी के परिजन जब आते है तो उनको कुछ और ही संतोष तथा उसके पिता कहानी सुनाने लगते है। आखिर गोल्डी के भाई ने इस हो चुके अपराध का अहसास किया और पुलिस को मामले में सुचना दिया गया।

सुचना मिलते ही थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप शुक्ला ने तत्काल घटना की शिकायत दर्ज करने का आदेश देते हुवे आरोपियों की गिरफ़्तारी का आदेश अपने अधिनस्थो को आदेश देते है। प्रकरण में मामला दर्ज होता है। पुलिस आरोपियों के तलाश में जब निकलती है तो आरोपी फरार हो जाते है। एसीपी चेतगंज ने एसआई प्रकाश सिंह और मनीष सिंह को अभियुक्तों की गिरफ़्तारी हेतु ज़िम्मेदारी सौपा। अपने अधिकारी का निर्देश पाते सिगरा पुलिस ने इलेक्ट्रानिक और ज़मीनी सूचनाओं को आधार बना कर दोनों मुख्य अभियुक्तों संतोष और उसके पिता शिवनाथ गुप्ता की तलाश शुरू कर डाला। कुछ ही समय बाद दोनों अभियुक्तों के कमलापति त्रिपाठी बस स्टाप लहरतारा पर होने की जानकारी पुलिस को मिलती है। सूचना पर यकीन कर पुलिस टीम ने छापेमारी कर शहर छोड़ कर भागने के फ़िराक में लगे दोनों अभियुक्तों को आज मंगलवार दोपहर 11:30 पर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही कर रही है।

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