चुनाव पूर्व जिन्ना की सियासत में वापसी : पूर्व मंत्री नारद राय का प्रदेश सरकार पर पलटवार, कहा जिन्ना की मज़ार पर चादर चढाने क्यों गए थे

शाहीन बनारसी

डेस्क। चुनाव के पूर्व सियासत में जिन्ना की आमद कोई नई बात नहीं है। लगभग एक दशक से चुनाव के पूर्व भारतीय सियासत में जिन्ना का नाम ज़िन्दा हो जाता है और चुनाव समाप्त होते ही वापस जिन्ना और उनका नाम अपनी कब्र में चला जाता है। एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सियासत ने जिन्ना का नाम तेज़ी के साथ ज़िन्दा हुआ है। चुनाव सर पर है और जिन्ना का नाम भी पैदा हो चूका है। इस बार इस नाम पर सपा और भाजपा वाक्य युद्ध छेड़ चुकी है।

बताते चले कि मोहम्मद अली जिन्ना पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपना बयान दिया था। जिसके बाद सियासत ने तीर कमान खीच लिया था। अखिलेश यादव के दिए गए बयान पर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के निशाना साधने पर अब पूर्व मंत्री एवं सपा नेता नारद राय ने राज्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोला है। बलिया में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि भाजपा को पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए।

स्वयं से पूछना चाहिए कि भाजपा के संस्थापक नेताओं में शामिल लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान में जिन्ना की मजार पर चादर चढ़ाने क्यों गए थे? भाजपाइयों को अपने दल का इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी स्वतंत्रता आंदोलन में मोहम्मद अली जिन्ना के योगदान को याद करके उनकी मजार पर चादर चढ़ाने गए थे। इसी योगदान को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना का स्मरण किया था।

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