पुलिस का दावा : अल्ताफ ने जैकेट की डोरी से नल में फंसा कर किया था फांसी लगा कर आत्महत्या, 5 पुलिस कर्मी सस्पेंड
शाहीन बनारसी (इनपुट साहिल खान)
डेस्क। कासगंज में पुलिस हिरासत के दरमियान अल्ताफ की संदिग्ध परिस्तिथियों में मौत को पुलिस का बयान और भी संदिग्ध बना रहा है। पुलिस का कहना है कि अल्ताफ ने जैकेट की डोरी को नल से फंसा कर आत्महत्या की है। वही परिजन पुलिस की इस दलील को मानने को तैयार नहीं है। उनका आरोप है कि पुलिस हिरासत में अल्ताफ की हत्या किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने इस प्रकरण में बड़ी कार्यवाही करते हुए इंस्पेक्टर सहित कुल 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। मृतक के परिजन इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे है।
गौरतलब हो कि अल्ताफ (22) पुत्र चांद मियां निवासी नगला सैय्यद टायल मिस्त्री का काम करता था। किसी परिवार में वह टायल लगा रहा था। उसी परिवार की लड़की लापता हो गई। लड़की के परिजनों ने युवक पर लड़की भगा ले जाने की शिकायत पुलिस से की। इस शिकायत पर पुलिस सोमवार की रात्रि करीब आठ बजे युवक को हिरासत में लेकर थाने ले आई। तभी से आरोपी युवक पुलिस की हिरासत में था। मंगलवार दोपहर के समय अल्ताफ ने पेशाब जाने के लिए कहा तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे हवालात के शौचालय में भेज दिया।
पुलिस का कहना है कि टॉयलेट में युवक ने अपनी जैकेट की टोपी में लगी डोरी को पाइप में बांधकर गले में फांसी लगा ली। कुछ देर तक युवक जब बाहर नहीं निकला तो पुलिसकर्मियों ने अंदर जाकर उसे आवाज लगाई, लेकिन आवाज नहीं आई। शौचालय में देखा तो वह फंदे पर लटका हुआ था और उसकी सांसें चल रहीं थीं। पुलिस युवक को जिला अस्पताल ले गई। यहां उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई।
युवक की मौत की सूचना परिवार के लोगों को दी गई। युवक की मौत की सूचना से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिवार के लोगों में पुलिस के खिलाफ काफी आक्रोश देखा गया। पिता चांदमियां एवं मां फातिमा सहित अन्य परिजन पुलिस पर हत्या का आरोप लगा रहे थे। जिसके बाद प्रकरण में जमकर हंगामा भी हुआ। मामले ने सियासी रुख अख्तियार कर लिया। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस मामले में ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ दिखावटी कार्यवाही है। इस मामले में इंसाफ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जांच होनी ही चाहिए।
कासगंज पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे का कहना है कि आरोपी युवक नाबालिग लड़की को भगाने के आरोप में नामजद था। पुलिस आरोपी को पूछताछ के लिए लाई थी। जैकेट की डोरी से युवक ने शौचालय में फांसी लगाई है। पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस मामले में एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने गंभीरता से लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्होंने इंस्पेक्टर सहित कुल 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। लापरवाही के आरोप में प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, उपनिरीक्षक चंद्रेश गौतम, उपनिरीक्षक विकास कुमार, हैड मोहर्रेर घनेंद्र सिंह एवं कांस्टेबल सौरभ सोलंकी के निलंबन की कार्यवाही की गई।