संक्रांति पर चढ़ा रहा था बकरे की बलि, बकरे की जगह बकरे को पकड़ने वाले की ही उड़ा दिया गर्दन
मुकेश यादव
इसको घटना कहे या दुर्घटना, या फिर पुलिस जाँच में एक तथ्य रंजिश कहा जाए. संक्रांति के मौके पर मंदिर में बकरों की बलि चढ़ाई जा रही थी. बलि के लिए आये बकरे को पकड़ने वाले युवक की ही बलि चढाने वाले ने गर्दन उड़ा डाला. घटना होते ही मौके पर हडकंप मच गया जबकि युवक की मौके पर ही मौत हो गई.
चित्तूर के वलसापल्ले के एक मंदिर में संक्रांति के अवसर पर बलि का आयोजन किया जा रहा था। यहां लोग हर संक्रांति पर पशुओं की बलि देते हैं। इस बार भी बलि का आयोजन चल रहा था। बलि के लिए एक बकरे को लाया गया था और उसकी बलि चढ़ाई जाने वाली थी। लेकिन बकरे की बजाए उसे पकड़कर खड़े युवक की गर्दन पर छुरा चला दिया गया। जैसे ही यह घटना हुई वहां हड़कंप मच गया। मृत युवक का नाम सुरेश बताया गया है। आरोपी चेलापति ने बकरे की बजाए सुरेश की गर्दन उड़ा दी। सुरेश ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
पुलिस के अनुसार आरोपी चेलापति नशे में था। उसने शराब पी रखी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सुरेश का शव सरकारी अस्पताल ले जाया गया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। सुरेश शादीशुदा था और उसके दो बच्चे हैं। नशेड़ी आरोपी चेलापति को पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि यह हादसा है या किसी रंजिश के चलते की गई हत्या? पुलिस अधिकारी ने बताया है कि आगे की जांच शुरू हो गई है पुलिस घटना की सभी पहलुओं से जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी।