प्रदोष व्रत: 3 शुभ योग के साथ है सोमवार को प्रदोष व्रत, जाने क्या है योग और कैसे करे पूजा
ए0 जावेद
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत का पालन करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। हर माह आने वाली शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 14 फरवरी को है। सोम प्रदोष व्रत का पालन करने से न केवल भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है, बल्कि उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी की जा सकती हैं। इस बार प्रदोष व्रत पर विशेष बात यह है कि प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि योग, रवि योग और आयुष्मान योग बन रहा है।
प्रदोष व्रत के दिन बने योग का समय
- सिद्धि योग त्रयोदशी तिथि को 11:53 मिनट से शुरू होकर 15 फरवरी को सुबह 7 बजे तक रहेगा।
- 14 फरवरी को सुबह 11:53 बजे रवि योग शुरू होगा और 15 फरवरी को सुबह 7:00 बजे समाप्त होगा।
- रात 9:29 बजे तक आयुष्मान योग समाप्त हो जाएगा।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसमें स्नान करने के बाद लाल या गुलाबी रंग के कपड़े पहनना चाहिए। उसके बाद भगवान शिव को तांबे या चांदी के कमल में बेलपत्र, भांग, लाल चंदन, शहद/गन्ने का रस और शुद्ध जल अर्पित करना है। इसके साथ ही ओम सर्वसिद्धि प्रदाय नमः इस मंत्र का एक बार जाप करें।
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
ओम त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥