आज माघी पूर्णिमा पर करे ये काम तो हर तरह के पाप हो जायेगे ख़त्म
शाहीन बनारसी
डेस्क. शास्त्रों में माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दान, उपवास करने का विशेष महत्व बताया गया है। माघी पूर्णिमा माघ महीने का आखिरी दिन होता है फिर इसके बाद फाल्गुन का माह आरंभ हो जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघी पूर्णिमा पर पवित्र तीर्थ स्थानों में गंगा स्नान और दान करने से 32 गुना पुण्य फल की प्राप्ति है।
शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु संग माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। श्रद्धालु तीर्थराज प्रयाग में एक महीने तक कल्पवास करते हैं फिर माघी पूर्णिमा पर व्रत का समापन करते हैं। सभी कल्पवासी माघी पूर्णिमा पर माता गंगा की आरती पूजन करके साधु संन्यासियों और ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं।
माघी पूर्णिमा पर करें ये काम
- माघी पूर्णिमा माघ महीने का आखिरी दिन होता है ऐसे में इस दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए।
- स्नान के बाद दान और जप का विशेष महत्व होता है। इसलिए माघी पूर्णिमा पर पितरों का श्राद्ध करें, ब्राह्मणों को भोजन कराएं, वस्त्र, तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, फल, अन्न आदि का दान करें।
- माघी पूर्णिमा पर गौ दान का भी महत्व बताया गया है ऐसे में इस दिन गौ दान का विशेष महत्व होता है।
- माघी पूर्णिमा के दिन व्यक्ति को ज्यादा जोर से नहीं बोलना चाहिए और क्रोध पर संयम रखना चाहिए।
- इस दिन गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करनी चाहिए।
धार्मिक नजरिए से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। माघी पूर्णिमा के दिन पिछले एक महीने से संगम पर कल्पवास कर रहे लोगों के लिए यह आखिरी दिन होता है। पुराणों में कहा गया है कि माघी पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु स्वयं गंगा में निवास करते हुए स्नान और ध्यान करते हैं। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर चंद्रदेव सोलह कलाओं में अमृत की वर्षा करते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार माघ पूर्णिमा में स्नान, दान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए, अगर ऐसा न हो सके तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर नहा लेना चाहिए। इसके अलावा गंगाजल का आचमन यानी हथेली में थोड़ा सा गंगाजल पी लेने से भी पुण्य मिलता है। माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करना चाहिए। इससे हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।