नलनी जयवंत: एक खुबसूरत और हँसता चेहरा रखने वाली एक्ट्रेस जिसके आखरी लम्हों में कोई नही था आसपास, आज भी मौत पर कायम है रहस्य
शिखा प्रियदर्शिनी
गुजरे जमाने की जानी-मानी एक्ट्रेस रहीं नलिनी जयवंत अपने समय की खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक थीं। उनकी तुलना मधुबाला से होती थी। अपने करियर में नलिनी ने एक से बढ़कर एक कई फिल्में कीं। 18 फरवरी, 1926 जन्मी नलिनी जयवंत रिश्ते में काजोल की नानी शोभना समर्थ की फर्स्ट कजिन थीं। यानी नूतन और तनुजा की मां।
चेंबूर के यूनियन पार्क में उनका एक आलीशान बंगले में रहने वाली नलनी दो शादियों के बाद भी मां नहीं बनीं। इसका गम उन्हें जिंदगी भर रहा। था। 84 साल की उम्र वो अपने आख़िरी समय में बिल्कुल अकेली थीं। उनकी मौत भी एक रहस्य ही थी। जब नलनी का देहांत हुआ तब उनके आसपास कोई नही था। 20 दिसंबर, 2010 को नलिनी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनकी मौत की जानकारी उनके किसी पडोसी तक को नही हुई। मौत के दो अथवा चार दिन बाद एक एम्बुलेंस आई और उनके शव को लेकर चली गई। उनका अंतिम संस्कार कब हुआ किसने किया ये किसी को पता नहीं। जिस बंगले में अक्सर महफिले सजती थी, उसी बंगले में नलनी दुनिया को रुखसत कह गई इसकी जानकारी भी लोगो को दो चार दिन बाद ही हो पाई।
उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था। उस वक्त नलिनी की उम्र 14 साल थी। जिसके बाद साल 1941 में महबूब खान की फिल्म ‘बहन’ से नलिनी का फ़िल्मी करियर शुरू हो गया था। देव आनंद से लेकर दिलीप कुमार उनके हीरो हुआ करते थे और उनके काम के कायल थे। खूसूरती ऐसी की हर कोई उन्हें देखता रह जाए। नलिनी की मुस्कान लोगों को बहुत अच्छी लगती थी लेकिन अफसोस इस बात का है कि वे जिंदगी पर झूठी हंसी अपने चेहरे पर लिए रहीं।
नलिनी कहती थीं ऐसे बहुत से गम होते हैं जो दिखते नहीं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे दुखते नहीं। नलिनी जयवंत को शोहरत मिली 1950 में आई फिल्म संग्राम से। नलिनी की जिंदगी में खुशियां बहुत कम और गम बहुत ज्यादा थे। उन्होंने दो शादियां कीं, उनके पहले पति थे वीरेन्द्र देसाई और वो डायरेक्टर थे। नलिनी ने दूसरी शादी की एक्टर प्रभु दयाल के साथ।