सभी संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगाते हुवे सपा ने वाराणसी उत्तरी से अशफाक अहमद डब्लू और कैंट से दिया पूजा यादव को टिकट

शाहीन बनारसी

वाराणसी। एक तरफ जहा प्रदेश में विधानसभा चुनाव अपने शबाब पर है और सातवे चरण की अधिसूचना जारी होने के बाद बृहस्पतिवार को नामांकन का आखरी दिन है। वही दूसरी तरफ आज शाम तक समाजवादी पार्टी ने वाराणसी उत्तरी और कैंट विधानसभा का प्रत्याशी ही नही घोषित किया था। कैंट विधानसभा के लिए तो अटकले थोडा कम ही लग रही थी, मगर उत्तरी विधानसभा के लिए अटकलों की भरमार पिछले तीन दिनों से चल रही थी। उस पर सोशल मीडिया की अफवाहों का भी ज़बरदस्त कमाल रहता था। कभी किसी के नाम को बतौर प्रत्याशी लोग बताते रहते तो कभी किसी नाम को बतौर प्रत्याशी।

इन सबके बीच जब आज शाम तक पार्टी द्वारा प्रत्याशी की घोषणा नही हुई तो इस दरमियान भी कई नामो की चर्चाये क्षेत्र और सोशल मीडिया पर होने लगी थी। मगर इन सभी अटकलों को दरकिनार करते हुवे आज समाजवादी पार्टी ने आखरी मिनट में अपने प्रत्याशी घोषित करते हुवे कैंट विधानसभा से पूजा यादव को प्रत्याशी बनाया है तो वही उत्तरी विधानसभा से अशफाक अहमद डब्लू को अपने प्रत्याशी घोषित किया है।

इस टिकट की घोषणा के बाद से समाजवादी पार्टी के भीतर खाने में चल रही सुगबुगाहट को थोडा विराम भी लगा है। वाराणसी की इन दो सीट पर कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे थे। इस दरमियान दावेदारों के समर्थको के द्वारा कई जानकारी भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा रही थी। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की लिस्ट भी चल गई। मगर चंद मिनट बाद ही स्थानीय नेताओं ने इस बात को साफ़ कर दिया गया कि लिस्ट किसी अतिउत्साहित कार्यकर्ता के द्वारा चला दिया गया है।

बहरहाल, तमाम अटकलो पर अब विराम लग चूका है। स्थिति साफ़ हो चुकी है। जहा कैंट विधानसभा क्षेत्र के विधायक भाजपा के सौरभ श्रीवास्तव को अब कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सांसद राजेश मिश्रा चुनौती दे रहे है वही सपा से उनके मुखालिफ पूजा यादव चुनावी मैदान में रहेगे। दूसरी तरफ उत्तरी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रविन्द्र जायसवाल जो दो बार से इस सीट पर विधायक है को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने पूर्व विधायक सफियुर्र्हमन की पुत्र वधु को चुनाव मैदान में उतारा है वही दूसरी तरफ सपा ने अशफाक अहमद डब्लू पर विश्वास जताया है। कल बृहस्पतिवार को नामांकन का आखिरी दिन है।

वैसे इन दो सीट पर टिकट बटवारे में देरी को राजनैतिक जानकार दूर दृष्टि का फैसला भी बता रहे है। जानकारों की माने तो टिकट बटवारे के बाद पार्टी के अन्दर कही कोई बागी प्रत्याशी के तौर पर सामने न आ जाये इसके कारण समाजवादी ने आखिरी मिनट में टिकट की घोषणा करके इसको रोकने की एक कोशिश किया है। वैसे लड़ाई वाराणसी की सभी सीट पर अब रोचक हो चुकी है। देखना होगा खामोश वोटर किसको जीत का ताज पहनाता है।

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