टीएमसी विधायक ने उपचुनाव को लेकर दी धमकी, भाजपा ने जारी किया धमकी का वीडियो
आदिल अहमद
डेस्क। टीएमसी विधायक के उपचुनाव को लेकर धमकी देने का मामला सामने आया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख मालवीय ने इसका विडियो भी जारी किया है और विडियो जारी कर उन्होंने कहा है कि खुलेआम भाजपा के वोटरों और समर्थको को धमकाया जा रहा है। उन्होंने इस मामले को चुनाव आयोग से भी लेने का आग्रह किया है।
TMC’s Pandaveswar (Asansol) MLA Naren Chakraborty, is seen issuing open threats to BJP voters and supporters, asking them not to come out and vote, or else face consequences. Such criminals should be behind bars but in Bengal Mamata Banerjee patronises them.
ECI must take note. pic.twitter.com/5KiPsPZHVG
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 29, 2022
बताते चले कि पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट व चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर टीएमसी द्वारा भाजपा समर्थकों को धमकाने का मामला सामने आया है। भाजपा के सह-बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने एक वीडियो जारी कर तृणमूल विधायक नरेन चक्रवर्ती पर पार्टी के समर्थकों को धमकाने का आरोप लगाया है। मालवीय ने कहा कि चक्रवर्ती भाजपा के समर्थकों को धमकाया कि यदि उन्होंने उसे वोट दिया चुनाव बाद अंजाम भोगना पड़ेगा।
भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख मालवीय ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी संज्ञान लेने का आग्रह किया है। मालवीय ने टीएमसी प्रमुख व बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि वह ऐसे विधायकों को संरक्षण दे रही हैं। वीडियो में एमएलए नरेन चक्रवर्ती भाजपा समर्थकों से कह रहे हैं कि वे उसे वोट न दें, वरना चुनाव के बाद देख लेंगे। वह यह भी कहते हैं कि यदि उन्होंने भाजपा को वोट नहीं दिया तो वे राज्य में रह सकेंगे और काम-धंधा कर सकेंगे, टीएमसी उनका समर्थन करेगी।
वीडियो जारी करते हुए मालवीय ने कहा, “टीएमसी के पांडवेश्वर (आसनसोल) विधायक नरेन चक्रवती भाजपा समर्थकों व वोटरों को खुलेआम धमका रहे हैं। वह उनसे कह रहे हैं कि वे वोट न दें न समर्थन करें और यदि भाजपा को वोट दिया तो अंजाम भोगने को तैयार रहें। ऐसे अपराधियों को जेल में होना चाहिए, लेकिन सीएम ममता बनर्जी उन्हें संरक्षण दे रही हैं। चुनाव आयोग को इस पर अवश्य संज्ञान लेना चाहिए।“
आसनसोल लोकसभा सीट पिछले साल अक्टूबर में बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के कारण खाली हुई है। वह भाजपा सांसद थे, लेकिन लोस से इस्तीफा देने के कुछ समय बाद बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल में शामिल हो गए।