पश्चिम बंगाल हिंसा: गृह मंत्रालय ने तलब किया रिपोर्ट, राज्यपाल के “हिंसा और अराजकता की संस्कृति” बयान पर भड़की ममता ने पत्र लिख कहा “आपकी बाते सरकार को धमकाने और अन्य राजनैतिक दलों को समर्थन वाली है”
आफताब फारुकी
डेस्क: पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 8 लोगो के जलाकर मारने की घटना पर एक बार फिर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने सामने आ गए है। इस दरमियान गृह मंत्रालय ने इस हिंसा पर रिपोर्ट तलब किया है। राज्यपाल धनखड़ द्वारा रामपुरहाट में आठ लोगों की मौत की घटना को भयावह करार देने और राज्य के ‘हिंसा एवं अराजकता’ की संस्कृति की गिरफ्त में होने का दावा करने के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे ‘अनुचित बयान देने से बचने’ का आग्रह किया।
ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ को लिखे पत्र में कहा है कि उनकी (राज्यपाल की) टिप्पणियां ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ हैं और ऐसे प्रतिष्ठित संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के लिए अशोभनीय हैं। ममता बनर्जी ने लिखा है, “आपकी बातों और बयानों का राजनीतिक स्वर होता है, जो सरकार को धमकाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों को समर्थन मुहैया कराते हैं।”
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीरभूम जिले में आग लगने से आठ लोगों की मौत के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पश्चिम बंगाल से बीजेपी के सांसदों के 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मुलाकात की थी और इस मामले में उनसे हस्तक्षेप करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की थी। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और इस घटना के मद्देनजर आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट शहर में कुछ घरों में आग लगने से आठ लोगों की जलकर मौत हो गई। यह घटना तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत स्तर के नेता की कथित हत्या के कुछ घंटे बाद हुई।बीजेपी ने रामपुरहाट में कुछ मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत आठ लोगों की हुई मौत के लिए राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े अपराधियों को जिम्मेदार ठहराया है और इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।