फ़िल्म ‘हिंदी मीडियम’ की अदाकारा सबा करीम की नही कम हो रही मुश्किलें, अदालत ने खारिज किया उनकी अर्ज़ी
तारिक़ खान
मस्जिद में डांस करने की आरोपी अभिनेत्री सबा कमर की मुश्किलें हल होने का नाम ही नही ले रही है। पाकिस्तान की एक अदालत ने उनकी अर्जी खरिज कर रिहा करने से मना कर दिया है। केस की अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी,और उसी दिन सबा पर अभियोग निर्धारित हो सकता है।
अपने विवादित बातों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाली सबा कमर का जन्म 5 अप्रैल को पाकिस्तान के हैदराबाद में हुआ था। सबा को बचपन से ही एक्टिंग में रूचि थी। पाक अभिनेत्री सबा ने 2007 में आये दो नाटक जिन्ना के नाम और धूप में कालकोठरी से फेमस हो गई थी। उन्हें बॉलीवुड में मंटो, लाहौर से आगे, 8969, हिंदी मीडियम और मूमल रानो जैसी फिल्मों में काम करने के लिए जाना जाता हैं।
सबा पर लाहौर की एक ऐतिहासिक मस्जिद पर डांस कर अपमान करने का आरोप है। अभियोजन पक्ष के वकील ने दावा किया कि सबा के डांस का वीडियो उनके पास है। इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी जाए। पिछले साल लाहौर पुलिस ने सबा कमर और बिलाल सईद के खिलाफ लाहौर के पुराने शहर में मस्जिद वजीर खान को अपवित्र करने के मामले में पाकिस्तान में केस दर्ज किया था। आरोप है कि दोनों आर्टिस्ट ने डांस वीडियो बनाकर ऐतिहासिक मस्जिद की पवित्रता को भंग किया था। इस मामले में लोग काफी आक्रोशित हो गए थे। यहां तक की सोशल मीडिया पर सबा को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।
इस घटना पर पाकिस्तान के लोगों ने भी नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं पंजाब प्रांत की सरकार ने इस सिलसिले में दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी बर्खास्त कर दिया था। वहीं विवाद के बाद सोशल मीडिया पर कमर और सईद ने माफी भी मांगी थी।मामले में सबा कमर को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया था। सबा ने इसपर सफाई भी दी और कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। इस वीडियो में कोई म्यूजिक का इस्तेमाल नहीं किया गया है और ना म्यूजिक एडिट किया गया है। इसके लिए सबा ने माफी भी मांगी थी।