एटीएस को मिली गोरखपुर से बड़ी कामयाबी, आखिर चढ़ ही गया पाकिस्तानी आतंकियों का मददगार मानवेन्द्र सिंह यूपी एटीएस के हत्थे

अजीत कुमार

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश एटीएस को बड़ी कामयाबी उस समय हाथ लगी है जब 25 हज़ार का इनामिया, पाकिस्तानी आतंकियों का मददगार मानवेन्द्र सिंह उसके हत्थे चढ़ गया। मानवेन्द्र सिंह पाकिस्तानी आतंकियों को हवाला के माध्यम से पैसे भेजता था और उनका मददगार था। युपी एटीएस को यह बड़ी सफलता आज सोमवार को हाथ लगी है।

गोरखपुर जनपद के थाना रामगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आज़ाद नगर पूर्वी स्थित न्यू शिवपुरी कालोनी निवासी मानवेन्द्र सिंह आज गोरखपुर से एटीएस के हत्थे चढ़ा है। वह पाकिस्तानी आतंकियों का मददगार और हैण्डलर था। यूपी एटीएस ने उसके ऊपर 25 हज़ार का इनाम घोषित कर रखा था।

आज एसटीएफ ने एक बयान जारी करते हुए बताया है कि पाकिस्तानी आतंकवादियों का मददगार आरोपी मानवेन्द्र सिंह अलग-अलग बैंकों में अपनी फोटो लगाकर फर्जी खाता खुलवाता था। उन खातो का एटीएम कार्ड वह मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय को दे देता था जिसको निखिल राय अपने पास रखता था। इन खातों में विभिन्न श्रोतों से रुपये आते थे। यह रुपया मुशर्रफ अंसारी उर्फ़ निखिल राय निकालकर अपना और मानवेंद्र का हिस्सा छोड़कर बाकी हवाला के माध्यम से पाकिस्तानी हैंडलर तक पहुंचाता था।

दिनेश कुमार उर्फ़ अजय की गिरफ़्तारी के बाद खुले थे कई राज़

गौरतलब हो कि एटीएस की विवेचना के दौरान आरोपी दिनेश कुमार सिंह उर्फ अजय कुमार सिंह का नाम भी प्रकाश में आया था, जो गोरखपुर का निवासी था। दिनेश मुशर्रफ के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में अपनी फोटो लगाकर विभिन्न नामों से बैंक खाता खुलवाता था और उन खातों को मुशर्रफ अंसारी को दे देता था। गिरोह के अन्य सदस्य इन्हीं खातों में जमा किए पैसे को निकालकर हवाला के माध्यम से पाकिस्तानी हैंडलर को पहुंचाने का काम करते थे। एटीएस के मुताबिक, इस गिरोह ने 150 से अधिक बैंक खातों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोला था, जिनमें लाखों रुपये का लेनदेन किया गया।

विवेचना में सामने आया था कि मानवेंद्र सिंह इस गिरोह का प्रमुख सदस्य है, जो पैसा निकालकर अन्य सदस्यों के माध्यम से दिल्ली से भेजता था। एटीएस के मुताबिक, पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाकर धोखाधड़ी करके व्यक्तियों से पैसा मंगवाता और उस पैसे को निकालकर हवाला के माध्यम से पाकिस्तानी हैंडलरों को पहुंचाता था। एटीएस ने इससे पहले 24 मार्च 2018 को अरशद नईम व नसीम अहमद उर्फ़ मुकेश प्रसाद मुशर्रफ अंसारी उर्फ़ निखिल राय, सुशील राय उर्फ अंकुर राय और दयानंद यादव को गिरफ्तार किया था, जिनके कब्जे से करीब 46 लाख रुपये बरामद हुए थे।

गौरतलब हो कि वर्ष 2021 के अगस्त माह में पाकिस्तानी आतंकियों को टेरर फंडिंग का मास्टरमाइंड अजय सिंह उर्फ दिनेश यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा था। पूछताछ के दौरान अजय ने बताया था कि 2018 में पकड़े गए आरोपित मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय उर्फ डब्लू के साथ मिलकर एक बार फिर से इस अवैध कारोबार का नेटवर्क खड़ा कर चुका था। अजय ने पूछताछ में कबूल किया है कि टेरर फंडिंग का सरगना कहे जाने वाले रमेश शाह की गिरफ्तारी के बाद इस गैंग का कोई भी सदस्य बाहर नहीं बचा था।

ऐसे में एक मात्र आरोपित अजय ही बाहर था। इस बीच 2018 में पकड़े गए कई आरोपितों को जमानत मिल गई थी। इसमें मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय उर्फ डब्लू भी जमानत पर जेल से छूट गया। मुशर्रफ के जेल से बाहर आते ही अजय ने उससे संपर्क किया और दोनों ने मिलकर एक बार फिर से इस गैंग को खड़ा कर दिया था। इस दौरान अजय ही इस गैंग का सरगना बन गया। दोनों मिलकर गरीब युवाओं को अपनी जाल में फंसाते थे। उन्हें रुपयों का लालच देकर उनके फर्जी दस्तावेजों पर बैंक खाते खुलवाते थे।

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