टैक्स में राहत दिलाने के नाम पर 2 करोड़ की ठगी करने आखिर चढ़ ही गए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के हत्थे, गिरफ्तार 4 आरोपियों में तीन मुंबई के आलिशान होटल में कर रहे थे ऐश

ए0 जावेद

वाराणसी: वाराणसी के चेतगंज थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच के संयुक्त प्रयास से रेशम कारोबार से सम्बन्धित फर्म के मैनेजर और उसके साले से फ़िल्मी अंदाज़ में दो करोड़ की ठगी करने वाले ठगों को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ़्तारी मुंबई और दिल्ली से हुई है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस को 1 करोड़ 87 लाख रुपया नगद, 8 एटीएम कार्ड, और अन्य आईडी कार्ड बरामद हुवे है। गिरफ्तार चार अभियुक्तों में से तीन मुम्बई के एक आलिशान होटल में ऐश की जिंदगी ठगी के पैसे से जी रहे थे। चौथे को गाज़ियाबाद से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने पूछताछ कर आज सभी चारो अभियुक्तों को अदालत में पेश किया है।

घटना का सफल अनावरण करते हुवे वाराणसी पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने आज यातायात पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारवार्ता में गिरफ्तार अबियुक्तो के सम्बन्ध में बताया कि कि फिल्मी अंदाज में ठगी की वारदात को अंजाम देने वालों में से तीन की गिरफ्तारी मुंबई से और एक अपराधी की गिरफ्तारी गाज़ियाबाद से की गई है। गिरफ्तार अभ्युक्तो में हरियाणा के हिसार थाना अंतगर्त खंजायीचान  निवासी पंकज भारद्वाज (37)  पुत्र शशिकांत शर्मा, नई दिल्ली के करोलबाग टैंक रोड निवासी रोहन खिची (27) पुत्र भगवान सिंह, नई दिल्ली के मलिकागंज सब्जी मंडी निवासी तरुण गौतम (36) पुत्र हीरा चंद और  नई दिल्ली के दशरथपुरी द्वारिका निवासी सचिन शर्मा (40) है। सचिन मूल रूप से नगीना बाग, अजमेर (राजस्थान) का निवासी है।

पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि ठगों के इस शातिर गिरोह को पकड़ने वाली पुलिस टीम को अपर मुख्य सचिव (गृह) उत्तर प्रदेश शासन ने एक लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है। गिरफ्तारी वाली टीम में इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय, एसआई राज कुमार पांडेय, एसआई सूरज तिवारी सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे।

हुआ कुछ इस प्रकार था कि अकथ निवासी अंकित शुक्ल मलदहिया स्थित एक रेशम का कारोबार करने वाली संस्था का मैनेजर है और उसका साला अश्वनी भी उसी फर्म में नौकरी करता है। अंकित शुक्ला ने अपनी तहरीर में आरोप लगाते हुवे कहा था कि उसके साले अश्वनी की मुलाकात कुछ दिन पूर्व अभिषेक और यश नाम के दो व्यक्तियों से हुई थी। दोनों ने अश्वनी को बताया था कि उनके अकाउंट संबंधी समस्याओं के समाधान की फर्म है और 1% कमीशन में हम टैक्स पर बड़ी भारी राहत दिलाते हैं। जिस पर अश्वनी ने उन दोनों की मुलाकात अपने जीजा अंकित शुक्ल से करवाया था। जिसके बाद टैक्स में छुट दिलवाने की बात कहकर दो करोड़ रुपया लेकर ये लोग फरार हो गए थे। इस दौरान मौके पर मौजूद एक बाउंसर को अश्वनी और अंकित ने दौड़ा कर पकड़ लिया था और पुलिस के सुपुर्द कर दिया था।

पुलिस की पकड़ में ये बाउंसर संदीप से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने दूसरे बाउंसर सोनू को भी पकड़ लिया। दोनों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली से आए हुए बाउंसर हैं और उन्हें उनकी फर्म के द्वारा यहां भेजा गया था। इससे ज्यादा वह अभिषेक और यश के बारे में नहीं जानते हैं। तब पुलिस ने चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। वारदात के नौवें दिन आरोपियों के गिरप्तार कर लिया गया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस सभी चारो अभियुक्तों को अदालत में पेश करने की तैयारी कर रही है।

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