दूल्हे के इन्तेजार में बैठी रही दुल्हन, दहेज़ लोभी नहीं लेकर आये बारात
फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी: बाबुल का यह घर गोरी कुछ दिन का ठिकाना हैं। बनकर दुल्हन एक दिन मुझे पिया घर जाना हैं। हर लड़की का यह एक सपना होता हैं। एक ऐसा ही वाक्या लखीमपुर खीरी के क़स्बा मैगलगंज से सामने आया हैं, जहाँ एक दुल्हन हांथो में मेहंदी रचाये और दुल्हन की पोशाक पहन कर अपनी दहलीज पर दूल्हे की बारात की आस लगाए इन्तेजार में बैठी थी। मेहमानों से भरे शादी के पंडाल में शहनाईयां गूँज रही थी। लेकिन दहेज के दानव ने दुल्हन की आंखों में बिदाई के आंसू ना देकर दुल्हन को खून के आंसू रुला दिया। ना ही बारात, ना ही बाराती, ना ही दूल्हा दुल्हन की चौखट पर बारात लेकर आया।
आपको बताते चले पूरा मामला मैगलगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव चुरई पुरवा का हैं। जहां दहेज की मांग को लेकर मधुबाला उर्फ शिवानी पुत्री अनिल कुमार की लड़की की शादी पंकज कुमार पुत्र रामासारे बसबिरवा पोस्ट गुलौली मोहम्मदी क्षेत्र से तय थी। लेकिन कार व ट्रैक्टर एवं साढे तीन लाख की नगदी ना मिलने को लेकर बरात घर पर नहीं पहुंची। लड़की के पिता का आरोप है कि बारात आने की झांसा देते रहे। कई बार फोन पर भी बात हुई तो जवाब मिलता रहा की बारात आ रही है, आ रही, लेकिन पूरी रात और सुबह बीत गई लेकिन बरात घर पर नहीं पहुंची। जिससे दुल्हन के पिता की काफी बेज्जती और लाखों का नुकसान हुआ है। क्या यूही दहेज के दानवो की भेंट चढ़ती रहेगी लडकिया यह अपने आप मे बड़ा सवाल खड़ा करता हैं।