बोल शाहीन के लब आज़ाद है तेरे: अये आसमां तू गिर क्यों नही पड़ा ? अये ज़मीन तू क्यों नही फट गई जब जनार्दन, संदीप, मंगेश और सुनील जंगल में “बंगाल मॉनिटर छिपकली” से गैंग रेप जैसा अपराध कर रहे थे ?
शाहीन बनारसी
भगवान, है कहा रे तू, अये खुदा है कहा रे तू…..! ये धरती फट क्यों नही गई। आसमान तू गिर क्यों नही पड़ा। ऐसे लोगो पर। आखिर इस धरती पर हुवे ऐसे जघन्य पाप पर क्यों खामोश खड़े रहे देवदूत और फ़रिश्ते। कहा थे मालिकुल मौत और यमराज। क्यों नही मौके पर आकर ऐसे पापियों को सज़ा दिया जिनके कुकर्मो से धरतो पर इंसानियत शर्मसार हो गई। इंसान कैसे अपना मुह इन जंगली जानवरों को दिखायेगा। ये बेजुबान जानवर ईश्वर से अपने लिए जुबां मांग रहे होंगे ताकि सवाल पूछ सके इंसान और इंसानियत से कि आखिर बताओ जंगली कौन है? हम बेजुबान जानवर, या फिर तुम लोगो के बीच में रहने वाले जनार्दन, संदीप, मंगेश और सुनील जैसे राक्षस।
इंसानियत शायद शर्म से अपना मुह छिपा चुकी है। लफ्जों की तंगी पड़ चुकी है। इसको शर्मनाक कहे या फिर लानती कृत्य की संज्ञा दे समझ में नही आता है। चार शिकारी जंगल में जाते है। जहा वह बंगाल मोनिटर छिपकिली से कथित गैंगरेप करते है। इस कुकृत्य की वह खुद के मोबाइल में वीडियो भी बनाते है और जंगल से बाहर निकलने वाले होते है कि ईश्वर इस पाप को दुनिया के सामने लाना चाहता था। शायद खुदा इंसानों को बताना चाहता था कि “तुझे अशरफुल मख्लूकात बनाया था तू तो जानवर से भी बद्दतर निकल गया है।”
जब ये पापी अपने कुकृत्य का वज़न अपने कंधे पर लेकर वापस जा रहे थे तभी वन विभाग के कर्मियों की नज़र इनके ऊपर पड़ी। शक्ल से शिकारी समझ आ रहे इन चारो की तलाशी वन कर्मियों ने लिए। तलाशी के क्रम में जब उन्होंने इनके मोबाइल चेक किये तो उसमे बंगाल मोनिटर छिपकली के साथ इस चारो द्वारा बलात्कार का वीडियो देख कर वन कर्मी के पसीने छुट गए। एक बारगी तो वन कर्मियों को अपनी आँखों पर विश्वास ही नही हुआ। जानकारी वन विभाग के कर्मियों ने अपने अधिकारियों को दिया। जिस भी अधिकारी को मामले की जानकारी होती एक बारगी वह विश्वास ही नही करता। मौके पर पहुचे अधिकारियो ने चारो आरोपियों को हिरासत में लेकर सख्त पूछताछ किया तो घटना निकल कर सामने आयी।
महाराष्ट्र के गोठाणे गांव के पास सह्यादारी टाइगर रिजर्व में गिरफ्तार इन आरोपियों की पहचान संदीप तुकाराम, पवार मंगेश, जनार्दन कामटेकर और अक्षय सुनील के रूप में हुई है। घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि तीन आरोपी कोंकण से कोल्हापुर के चंदोली गांव में शिकार के लिए आए थे। इस दरमियान इन चारो ने बंगाल मोनिटर छिपकली के साथ गैंग रेप किया और घटना का वीडियो अपने मोबाइल में बनाया। एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर नानासाहेब ने कहा, ”चारों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।” ‘बंगाल मॉनिटर’, एक बड़े आकार की छिपकली होती है जोकि भारतीय उपमहाद्वीप के साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में पायी जाती है। यह बड़ी छिपकली मुख्य रूप से जमीन पर रहती है और इसकी कुल लंबाई लगभग 61 से 175 सेमी (24 से 69 इंच) तक होती है।
प्रकरण में इण्डिया टीवी ने घटना पर आश्चर्य जताते हुवे अपने समाचार में “ऐसा भी होता है?” लिख कर अचरज जताया है। जबकि लाइव हिदुस्तान ने अपने समाचार में जानकारी दिया है कि “चारो आरोपियों ने गोठाणे के गाभा इलाके में सह्याद्रि टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बतौर टूरिस्ट एंट्री ली थी। सह्याद्रि फॉरेस्ट रिजर्व में तैनात वन अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों का पता लगाया, जिसमें उन्हें जंगल में घूमते देखा गया था। घटना से हैरान वन अधिकारी आरोपों पर चर्चा करने के लिए भारतीय दंड अदालत में मामले को उठाएंगे।“ जबकि इण्डिया न्यूज़ हब ने अपने समाचार में दावा किया है कि इन चारो आरोपियों में एक के पास बन्दुक भी थी। अब सवाल ये उठता है कि बन्दुक के साथ आरोपी जंगल में बतौर पर्यटक कैसे प्रवेश कर गए। इस घटना में लोगो की जमकर प्रतिक्रिया आ रही है जिसको नवभारत टाइम्स ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है।
बहरहाल, इस घटना को जानने के बाद हर एक इंसानियत के पुजारियों ने इस घटना पर अपना विरोध तो ज़रूर किया है। भले ही मन के अन्दर इसको शर्मनाक और बेहद लानती कृत्य की संज्ञा दे रखा हो। मगर इसी सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे ही चपडगंजू दिखाई दे रहे है जो इस मामले को भी सियासी नज़र से देख रहे है और कहते है कि अमुक राजनैतिक पार्टी के राज्य महाराष्ट्र में ऐसी घटना हुई। बेशक शर्मसार कर देने वाली इस घटना को सियासी चश्मे से देखने वालो को अपने मानसिकता का इलाज करवाना चाहिए। एक बेजुबान जानवर जो अपनी पीड़ा किसी से कह भी नही सकता है के साथ ऐसा घिनौना अपराध कम से कम इंसान को तो निःशब्द कर देता है।