ज्ञानवापी सर्वे प्रकरण अपडेट: जारी है अदालत में जमकर बहस, तीनो ही पक्ष पेश कर रहे अपनी अपनी दलील, सख्त है सुरक्षा व्यवस्था

शाहीन बनारसी

वाराणसी: वाराणसी के ज्ञानवापी सर्वे प्रकरण में सर्वे कमिश्नर बदलने की मांग वाली याचिका पर तीनो पक्षों की मौजूदगी में आज अंतिम दिन अदालत में ज़बरदस्त बहस चल रही है। अदालत परिसर में तीनो पक्ष के पक्षकार और वकील मौजूद है। तीनो पक्ष के अलावा किसी और को अदालत परिसर में जाने की अनुमति नही है।

इस मामले की संवेदनशीलता को समझते हुवे वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट पूरी तरह मुस्तैद है। कचहरी परिसर और अदालत परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था है। बेवजह घूम रहे लोगो को रोका और टोका जा रहा है। वही अदलात में इस मामले में ज़बरदस्त बहस तीनो पक्षों के बीच चल रही है। तीनो ही पक्ष के अधिवक्ता जमकर दलीले पेश कर रहे है।

बताते चले कि वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी से सम्बन्धित वाद में अदालत के हुक्म से सर्वे गुजिश्ता जुमे के रोज़ से शुरू हुआ था। सर्वे दो दिन होना था और पहले ही दिन के सर्वे खत्म होने के बाद सर्वे कमिश्नर के निष्पक्षता पर शक ज़ाहिर करते हुवे मस्जिद कमिटी ने सर्वे कमिश्नर के हाथो में अपना पत्र सौप कर आरोप लगाया कि वह बतौर निष्पक्ष सर्वे कमिश्नर नही बल्कि एक पक्षकार के तौर पर काम कर रहे है। जिसके बाद शनिवार को इस मामले में एक अपील अदालत में दाखिल कर सर्वे कमिश्नर बदलने की मांग किया था।

इस याचिका के दाखिल होने के बाद अदालत में इसमें शनिवार को मस्जिद कमिटी की दलील सुनी और सोमवार यानी 9 मई की तारिख मुक़र्रर कर वादिनी मुकदमा राखी सिंह और सर्वे कमिश्नर को अपना पक्ष रखने का हुक्म दिया। इस दरमियान मामले में ज़बरदस्त उलटफेर हुआ और वादिनी मुकदमा राखी सिंह वगैरह की पैरवी करने वाली संस्था प्रमुख विसेन ने केस वापस लेने का बयान दे डाला। इसके बाद मामले में हडकंप की स्थिति उत्पन्न हो गई और सोमवार को मंदिर समिति इस प्रकरण में “वन टाइम पार्टी” बन कर अदालत में अर्जी दाखिल कर अपनी सुनवाई की बात कही और बहस शुरू हुई।

इस दरमियान महिलाओं की केस में पैरवी करने वाली संस्था ने भी मुकदमा वापस लेने की अपनी बात से पलटते हुवे मामले में सुनवाई के लिए अदालत परिसर में उपस्थित हुई तथा तीनो पक्षों के दरमियान ज़बरदस्त बहस अदालत में पेश हुई जिसमे एक से बढ़कर एक दलील पेश किया गया। आज इस मामले में तीसरे दिन आखरी सुनवाई है और अदालत आज इस मामले में अपना फैसला दे सकती है कि सर्वे कमिश्नर बदले जायेगे अथवा उन्ही सर्वे कमिश्नर से सर्वे होगा। अदालत ने अपने रुख को ज़ाहिर करते हुवे कहा है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो हम खुद मौके पर सर्वे के लिए जायेगे।

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