सिधौरा में हुई शराब कारोबारी से लूट प्रकरण: एसपी (ग्रामीण) साहब, लूट का ये तरीका तो वर्ष 2019 में हुई लूट की घटनाओं से काफी मिलता जुलता है, इलाका भी यही था
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: आज बुद्धवार की सुबह सिन्धौरा थाना क्षेत्र में शराब कारोबारी से बाइक सवार बदमाशो द्वारा असलहो के बल पर हुई लूट की घटना ने ग्रामीण पुलिस में हडकंप का माहौल पैदा कर दिया है। चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित डुबकियाँ निवासी पीड़ित शराब कारोबारी पिंटू जायसवाल के अनुसार जब वह ओदार मार्ग पर स्थित दीनदासपुरा पंहुचा तो बाइक स्वर बदमाशो ने उसको गाडी रोक लिया और असलहे के बल पर धमकाते हुवे उसके लूट की घटना को अंजाम दिया। घटना की जानकारी पुलिस को तब हुई जब पीड़ित शराब कारोबारी पिंटू जायसवाल दोपहर गए थाने आया और मामले की जानकारी दिया।
घटना को अंजाम देने वाले अपराधी आराम से फरार हो गए। सन्नाटे के कारण ये क्षेत्र अक्सर ही घटनाओं का कारण बनता है। पुलिस कर्मियों के द्वारा इस इलाके में गश्त होती है, मगर लंबा इलाका होने के कारण गश्त भी कम होती है। स्थानीय बोर्डेर इलाका होने के कारण जौनपुर के अपराध जगत के खिलाड़ी भी बैटिंग करने इस पिच को चुनते है ऐसे जानकारी कई बार हुई है। पुलिस ने कई ऐसे अपराधियों को इस इलाके से पकड़ा भी है।
घटना का तरीका अचानक उस अपराध की पूरी चेन को याद दिला देता है जो वर्ष 2019 में हुआ था। कई ऐसे लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। अगर वर्ष 2019 में हुई तीन घटनाओं जिनमे 13 जूंन 2019 को हुई नई सड़क के एक मुर्गा कारोबारी के कर्मचारियों से लूट तथा उसी वर्ष 4 जुलाई को हुई रेवडी तालाब निवासी मुर्गा कारोबारी से लूट की घटनाओं को और इस घटना को देखे तो दोनों में समानताये काफी मिलती है। अपराध करने के तरीके और अपराधियों द्वारा कारित अपराध में सिर्फ एक फर्क सामने आया कि इस बार टारगेट पहले से निश्चित था, जबकि उन घटनाओं में टारगेट को फोन पर मुर्गा खरीदने की लालच देकर इन सुनसान इलाको में बुलाया गया था।
वर्ष 2019 में हुवे इन अपराधो और आज हुवे अपराध में अपराध करने का तरीका लगभग एक ही है। असलहे का प्रयोग केवल धमकाने और डराने के लिए हुआ। लूट किया और बाइक से फरार हो गये। वर्ष 2019 में भी मुर्गा कारोबारियों को इस इलाके में बुलाया जाता था। उन्हें बाइक से रोका जाता और फिर असलहो से डरा कर अपराधी बिना मारपीट किये लूट करके फरार हो जाते थे। उन घटनाओं का खुलासा फूलपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने किया था और जौनपुर जनपद के अपराधियों को गिरफ्तार किया था। मिली जानकारी के अनुसार सभी आरोपी इस समय जेल से बाहर है।
बहरहाल, सिन्धौरा थानाध्यक्ष बैद्यनाथ के लिए एक बड़ा टास्क है। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के द्वारा तीन टीमो का गठन इस घटना के खुलासे हेतु किया गया है। डिजिटल साक्ष्य इकठ्ठा किया जा रहा है। पुलिस डंप डेटा का भी इंतज़ाम कर रही है जिसमे घटना के तार तलाशे जाने है। बेशक घटना जिस प्रकार हुई है, इसका खुलासा भूसे में सुई तलाशना जैसा कठिन काम होगा। वही पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने घटना का जल्द खुलासा करने का दावा किया है।