जावेद पंप के भवन तोड़े जाने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने किया सुनवाई, उत्तर प्रदेश सरकार से माँगा 24 घंटे के अन्दर जवाब
तारिक़ खान
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज 10 जून की हिंसा आरोपी जावेद पंप की पत्नी फातिमा की रिट की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से 24 घंटे के अंदर इस मामले में जवाब मांगा है। साथ ही अगली सुनवाई की तारिख 30 जून मुक़र्रर किया है। अगले 24 घंटे में प्रदेश सरकार को जावेद पम्प के भवन को ज़मीदोज़ करने का कारण बताना होगा।
उल्लेखनीय है कि 10 जून को हिंसा के आरोपी जावेद पंप का दो मंजिला मकान प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बिना नक्शा के बनवाने के आरोप में बुलडोजर लगाकर तोड़ दिया था। जबकि जावेद पंप की पत्नी परवीन फातिमा ने आरोप लगाया कि मकान उनके नाम है और प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बिना नोटिस दिए छुट्टी के दिन शनिवार और इतवार को कार्यवाही पूर्ण दिखाकर बुलडोजर लगाकर तोड़ दिया। याची की तरफ से यह मांग की गई कि दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाए साथ ही क्षतिपूर्ति की जाए तथा जब तक मकान बने उन्हें सरकारी आवास आवंटित किया जाए।
न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र व न्यायमूर्ति एस0 डब्लू0 मियां के कोर्ट में यह सुनवाई हुई सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने पक्ष रखा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 24 घंटे मैं जवाब लगाने के साथ अगली तारिख सुनवाई के लिए 30 जून मुक़र्रर किया है। उल्लेखनीय है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा मकान गिराए जाने के बाद कुछ वकीलों ने लेटर पिटिशन के माध्यम से इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में उठाया था जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लेटर पिटिशन को अस्वीकार कर दिया था, और रेगुलर पिटीशन में आने को कहा था। इसी के बाद परवीन फातिमा की तरफ से याचिका दाखिल की गई।
गत दिवस यह याचिका न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की बेंच में आई थी जिसे उन्होंने सुनने से मना कर दिया था। जिसके बाद इस याचिका पर दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। अदालत ने सरकार को हुक्म दिया है कि अगले 24 घंटे के अन्दर जवाब दाखिल करे कि भवन किस नियम के तहत तोडा गया है। मामले पर अब 30 जून को सुनवाई होगी।