उफ़ ये इश्क: हुस्न ने किया था जिद्द कि मेरी शादी में इश्क भर दे मेरी मांग, इश्क पंहुचा तो आसपास खड़ी जनता ने जमकर किया “इश्क की पीठ पूजा आन द स्पॉट”, पढ़े गजबे की कामेडी स्टोरी
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तारिक़ आज़मी (इनपुट: गोपाल जी)
डेस्क: इश्क का भुत भी बड़ा गजबे का होता है। इश्क के लिए हुस्न ने जो कह दिया तो कह दिया। भले उसको पूरा करने के लिए जूता परेड हो जाए। मगर इश्क को हुस्न की मांग तो पूरी करना ही करना है। मगर जब हुस्न की मांग ही माग भरने की हो तो तब तो फिर इश्क को जूनून सवार हो जाता है। भले इस मांग की मांग हेतु उसको जूता खाते खाते सुबह ही क्यों न हो जाए, मामला बिहार के नालंदा जिले स्थित एक गांव का है।
हरनौत थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गाँव में प्रेमी और प्रेमिका की मोहब्बत परवान चढ़ी। दोनों ने जीने-मरने की कसमें खाई। वादा सात जन्मों का था, लेकिन उफ़…..ये ज़ालिम जमाना….! कमबख्त इश्क की बात हुस्न के घर वालों को पता चल गई। इसके बाद लड़की की शादी तय हो गई। इश्क के जूनून में पागल लड़का दिवानो की तरह खामोश हो गया। दरअसल ये इश्क की ख़ामोशी थी जो तूफ़ान आने के पहले की थी। और तूफ़ान आया, ज़बरदस्त तरीके से।
हुस्न की शादी मंगलवार को थी। शादी के दिन इश्क सीधे मंडप में पहुंच गया। वरमाला की रस्म होने ही जा रही थी कि वह स्टेज पर चढ़ा और अपने प्यार की मांग में सिंदूर भर दिया। दो मिनट को तो मौके पर मौजूद सभी लोग सकते में आ गये कि आखिर हुआ क्या है? दुलहा भी देखने लगा कि अरे ये कौन? मेरे हक पर डाका आखिर किसने डाल दिया। लोगो को दो मिनट बाद समझ में आया और फिर क्या था। इश्क के ऊपर जूते, लात घुसो की बरसात होने लगी। इश्क का जूते खाकर सर फट गया। थोबड़ा भी जमकर सूज गया। जो आता दो चार लगा कर चला जाता। जूता परेड कुछ इस तरीके से लोगो ने किया कि अस्पताल में इश्क भर्ती हो गया।
जूते खाकर अस्पताल में भर्ती इश्क का कहना है कि वह गांव की एक लड़की से प्यार करता था। जब उसके अफेयर के बारे में लड़की के घर वालों को पता चला तो उन्होंने उसकी शादी कहीं और तय कर दी। जिसके बाद लड़की ने ही उसे फोन करके अपनी शादी में बुलाया था और वरमाला के वक्त मांग में सिंदूर भरने को कहा था। इस घटना के बाद लड़के वालों ने शादी से इनकार कर दिया है। थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा ने बताया युवक फिलहाल अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज चल रहा है।
इस जूतम पैजार के वक्त ये तो कहो गनीमत रहा कि किसी ने पीछे से बैकग्राउंड में गाना नही बजाया कि “हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सजा पाने को, कोई पत्थर से न मारो मेरे दीवाने को।” वरना सीन और भी फ़िल्मी हो गया होता। एक्शन के बाद बरात बिना शादी किये वापस लौट गई है। दीवाना अस्पताल में पड़ा है और इलाज करवा रहा है। वही हुस्न का क्या हाल है नही मालूम चल रहा है। मगर इस कांड की पुरे इलाके में चर्चा बड़े जोरो शोर से है। चाय पान के नुक्कड़ पर इसकी चर्चा हो रही है। वही इलाके में चल रही चर्चाओं के अनुसार ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि जूते तो हुस्न ने भी खाया होगा।