तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: वायरल हुआ कथित पत्रकार की कथित पत्रकारों द्वारा पिटाई का वीडियो, नजीराबाद में स्पा सेंटर की आड़ में क्या चल रहा ? सूत्र कहते है सेट हो गया मारने और मार खाने वालो के बीच टैक्स

तारिक़ आज़मी

कानपुर का एक वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल होते वीडियो में कुछ लोग एक युवक को जमकर पीट रहे है। थप्पड़, लात और बेल्ट से एक युवक की जमकर कुटाई हो रही है। बेल्ट से मार खाने वाले युवक की “तशरीफ़”  जिस तरीके से गर्म हो रही है वह बताती है कि उनकी “तशरीफ़” के टुकड़े तो ज़रूर हुवे होंगे। जमकर 20-25 बेल्ट और थप्पड़ो से मुह पर लाली लाने की क्रिया जमकर चली। दो वीडियो ऐसे में बना। एक जूतम-लात का तो दूसरा धक्का परेड का। मौके पर खड़ी कुछ देवी जी लोग भी वीडियो बनाती हुई दिखाई दे रही है।

मामला कानपुर के नजीराबाद थाना क्षेत्र स्थित कोकाकोला चौराहे का बताया जा रहा है। वैसे तो नजीराबाद थाना क्षेत्र स्पा सेंटरों की भरमार से भरा पड़ा है। दिखाई सबको देता है कि स्पा सेंटर की आड़ में क्या चल रहा है ? बस नही दिखाई देता है, तो नजीराबाद के इस्पेक्टर साहब को। इस्पेक्टर साहब अब क्यों नही देखते इसको समझने में कोई इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की ज़रूरत नही है। समझते सभी है, तो समझते हम भी है। बहरहाल हम मुद्दे पर ही कायम रहते है। इस्पेक्टर साहब देखे, न देखे। हमको क्या करना है। हम तो बस बाते कर सकते है। एक्शन करना इस्पेक्टर साहब का काम है। मगर एक्शन नही होगा इसको लेकर सभी आश्वस्त है। हमने तो कल्लन चचा से शर्त तक लगाने की बात कह दिया कि अगर एक्शन हुआ तो इस खबर पर आने वाला सारा विज्ञापन का पैसा आपका। मगर चचा भी बड़े दिमागदार है। उनको पता है कि एक्शन तो होना नही है। टैक्स थोडा बढ़ जायेगा। तो शर्त एक प्लेट बिरयानी की लगा रहे है कि बिरयानी खिला दूंगा।

बहरहाल, कोकाकोला चौराहे पर एक स्पा सेंटर है। स्पा सेंटर का नाम वेलनेस स्पा सेंटर है। स्पा सेंटर के बंद दरवाजों के अन्दर चलते गोरखधंधे को सभी जानते और समझते है। यहाँ के संरक्षण दाता कुछ तथा कथित पत्रकार है। सूत्रों से मिलती जानकारी के अनुसार एक गुट संरक्षण देता है और बदले में उसको टैक्स मिलता है। अब इसको देख कर दुसरे गुट के पेट में दर्द हुआ और इस टैक्स में उसने भी सेंध मारी करने की कोशिश किया तथा पहुच गया स्पा सेंटर के अन्दर। इस दरमियान कुछ तो अनैतिक हो रहा होगा तभी तो स्पा सेंटर संचालक ने बन रहे वीडियो की जानकारी मिलने पर अपने शरणदाताओं को फोन करके बुलवा लिया। अपने टैक्स में सेंधमारी की जानकारी आते ही एक्शन मोड़ में आया दूसरा गुट तुरंत स्पा सेंटर पहुच गया।

फोन पर जानकारी होने के बाद पहला तथाकथित पत्रकारों का झुण्ड आता है और नए नए आये तथाकथितो की कुटाई जारी कर देता है। जमकर जूते लात चलते है। इसका वीडियो बनता है। जिस बिस्तर पर गर्मी का कारोबार चलता होगा उसी बिस्तर पर गिरा कर एक तथाकथित की जमकर बेल्ट से “तशरीफ़” लाल किया जाता है। इस कुटाई का वीडियो ख़ासतौर पर शायद इसलिए भी बना होगा कि दहशत कायम रहे और कही और कोई इस टैक्स में अपना हिस्सा मांगने न आ जाए। मगर कमबख्त ये पता नही कैसे सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एक दुसरे को भेजते भेजते वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप में चलने लगा और जमकर छीछालेदर होने लगी।

अब मिल रही जानकारी के अनुसार दोनों गुट में आपसी सुलह समझौता हो गया है। पुराना गुट अपने टैक्स में से एक हिस्सा दुसरे नए नए आये गुट को देने को तैयार हो गया है। अब सब कुछ शांत है। टैक्स में दोनों अपने अपने हिस्से लेकर संतुष्ट है। बेल्ट से “तशरीफ़” लाल करवाए हुवे तथाकथित पत्रकार भी अब उसी टैक्स से दावा इलाज करवा रहे है। इस्पेक्टर साहब को भी सुकून की साँस आई है। वैसे इस्पेक्टर साहब ने हमसे फोन पर बातचीत में बताया कि “कुछ नशे में धुत युवक स्पा सेंटर के अन्दर घुस गए थे और मारपीट हुई थी। जिसके बाद दोनों पक्षों में सुलह समझौता हो गया है। कोई पुलिस कार्यवाही नही हुई है।”

क्या और कब हुआ पूरा मामला

दरअसल मामला 4 जुलाई का है। जो युवक वीडियो में मार खाते दिखाई दे रहा है वह पहले जन सुविधा केंद्र चलाता था। इसी दरमियान पत्रकारों की नई सफल उगाने वाला “लॉक डाउन” आ गया। देश में तालाबंदी क्या हुई ऐसा लगा जैसे पत्रकारों की नई फसल तैयार हो गई है। कल तक रिक्शा चलाने वाला भी पत्रकार बन बैठा। खूब जमकर 1500 से लेकर 5 हज़ार में कार्ड तकसीम हुवे। कार्ड बेचने वाले अमीर हो गये हाल कुछ ऐसा हुआ था। इसी तालाबंदी में मार खाने वाले सज्जन भी पत्रकार बन गए। उनकी माने तो उनको पत्रकार उन्ही पाण्डेय जी ने बनाया था तो इस वीडियो में स्पा सेंटर वाले के पाले में खड़े दिखाई दे रहे थे।

लखनऊ से प्रकाशित एक अख़बार के खुद को पत्रकार बताने वाले पाण्डेय जी और उनके साथ है एक सोनकर जी। किसी बहुते बड़े चैनल के है सोनकर जी, बस नाम कभी नही सुना है तो कुछ कह नही सकते है। जानकारों का दावा है कि दोनों की पत्ती सेट थी स्पा सेंटर पर। इस दरमियान जन सुविधा वाले पत्रकार साहब पाण्डेय जी से अलग हो गये और अपने गुट के साथ स्पा सेंटर पहुच गए। भाई साथ रहे थे तो अड्डे सबको पता होते ही है। बस फिर क्या था? हो गई टकराहट। मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो 7 बजे के करीब पीआरवी द्वारा दोनों पक्षों को लादा गया और पुलिस चौकी लाया गया। जहा आपसी सेटिंग गेटिंग के बाद जन सुविधा वाले पत्रकार साहब ने कोई पुलिस कार्यवाही न चाहते हुवे लिखित में तहरीर दे दिया। दोनों पक्षों को सख्त हिदायत दिया गया और दोनों घर चले गए। इसके बाद शायद रेट कुछ ऊपर नीचे करना था तो वीडियो ट्वीट कर दिया गया। अब तशरीफ़ लाल होता वीडियो ट्वीट हुआ तो पुलिस ने दुबारा जिनकी तशरीफ़ लाल है उनको संपर्क किया। मगर सज्जन खुद को शहर के बाहर होना बता कर पुलिस से नही मिल रहे है। पुलिस उनसे आग्रह कर रही है कि मित्र तहरीर दे दो, हम कार्यवाही करते है। मगर मित्र है कि अब मोबाइल भी बंद किये हुवे है।

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