कर्नाटका सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुवे 13 हज़ार स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघो ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, मान्यता प्रदान करने के लिए मांगी जा रही कथित रिश्वत पर गौर करने का किया आग्रह
आदिल अहमद
डेस्क: प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नारे “न खाऊंगा, न खाने दूंगा” के नारे को पलीता लगाने का आरोप लगाते हुवे कर्णाटक की भाजपा सरकार के खिलाफ 13 हजार स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने राज्य की बसवराज बोम्मई की अगुआई वाली बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ प्राइमरी एंड सेकेंडरी स्कूल और द रजिस्टर्ड अनएडेड प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने पीएम मोदी से राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मांगी जा रही कथित रिश्वत पर गौर करने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि बिना किसी लॉजिक के, तर्कहीन, भेदभावपूर्ण और गैर-अनुपालन मानदंड केवल गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू किए जा रहे हैं। इस कारण बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। संघों ने दावा किया कि राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश से कई बार शिकायत की गई है। लेकिन शिकायतें और दलीलें अनसुनी हो गईं। ऐसे में उन्हें इस्तिफा दे देना चाहिए।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा गया, ” बीजेपी के दो अलग-अलग मंत्रियों ने वास्तव में उन स्कूलों के बजाय बजट स्कूलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जो अधिक से अधिक निवेशकों को निवेश करने की अनुमति देकर शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं और सीधे माता-पिता पर प्रति बच्चे शुल्क की लागत बढ़ा रहे हैं। संघों ने यह भी आरोप लगाया कि नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत के बावजूद सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकें अभी भी स्कूलों तक नहीं पहुंची हैं। उन्होंने कहा, ” शिक्षा मंत्री को कठोर मानदंडों और फ्रेम नियमों व विनियमों को उदार बनाने की कोई चिंता नहीं है, जो कि सार्वजनिक और निजी दोनों स्कूल में व्यावहारिक और फीजीकल रूप से माता-पिता और छात्रों पर बोझ डाले बिना लागू किए जा सकते हैं।”