रतसिया पहुंचे सीडीओ, बीएसए संग पीटीएम में किया शिरकत
फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): बुधवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह के निर्देशन व मार्गदर्शन में खीरी के सभी 3106 परिषदीय विद्यालयों, 16 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में एक दिन एक साथ अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित हुई। बैठक में शिक्षक और अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर उनके शैक्षणिक स्तर व गुणात्मक सुधार की आवश्यकता पर चर्चा हुई। सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने बीएसए डॉ0 लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बेहजम विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रतसिया पंहुचे, जहां उन्होंने पीटीएम में प्रतिभाग किया। विद्यालय में कुल नामांकित 472 के सापेक्ष 332 बच्चे उपस्थित मिले। अभिभावक शिक्षक संगोष्ठी में करीब 150 अभिभावक उपस्थित रहे।
सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय के शिक्षक व अभिभावक कंधे से कंधा मिलाकर बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपना अहम योगदान दे, जिससे बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके। बच्चों से गृह कार्य के विषय में बात करें और उनके कार्यो में सहयोग करें। बच्चे नियमित स्वच्छ यूनिफॉर्म में विद्यालय आए इस पर ध्यान दें। केवल पठन-पाठन के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करें।
बीएसए डॉ0 लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आप ऐसा सोचना छोड़ दीजिए कि केवल निजी स्कूल में ही पढ़ाई होती है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक योग्यताधारी और प्रशिक्षित हैं, उनको आपका सहयोग चाहिए। आप विश्वास करिए सरकारी स्कूलों पर, घर पर अपने बच्चो को थोड़ा समय दीजिए, उनकी समस्याओं से रूबरू होइए। उनसे पढ़ाई संबंधित बात करिये। विद्यालयों के शिक्षकों से लगातार जुड़े रहिये।
सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने बीएसए डॉ0 लक्ष्मीकांत संग बच्चों को पाठ्य पुस्तकों का वितरण की। बच्चे अपनी पुस्तकों व अधिकारियों को अपने बीच पाकर खुश नजर आए। कुछ बच्चों ने अधिकारियों से पढ़ाई को लेकर भी बात की। विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रमोद वर्मा ने अभिभावकों व अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं उपस्थित रहे।
बीएसए डॉ0 लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने बताया कि जनपद के सभी 3106 परिषदीय विद्यालयों, 16 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में एक दिन एक साथ अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित की है। बैठक का उद्देश्य अभिभावकों का शिक्षकों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करना है। शिक्षकों ने अभिभावकों को बच्चों की शैक्षणिक स्थिति से अवगत कराया। विद्यार्थियों के बीच बेहतर शैक्षिक वातावरण को बनाए रखने की सलाह दी।