लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

फारुख हुसैन

नई दिल्‍ली : लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अब अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है। आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। गौरतलब है कि 26 जुलाई को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले मे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे हैं। पिछले साल किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों को कार से कुचल दिया गया था। जस्टिस कृष्णा पहल की अदालत ने मामले की सुनवाई करने के बाद पिछली 15 जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। हाईकोर्ट  ने इस साल 10 फरवरी को आशीष को जमानत दे दी थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश को रद्द करते हुए हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए।  इस पर हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर नए सिरे से सुनवाई की थी।

पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में आशीष मुख्य आरोपी है। कोर्ट ने मामले में 26 सितंबर तक जवाब देने को कहा है। अभियुक्त आशीष मिश्रा मोनू के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि घटनास्थल संकरा स्थान था और भीड़ बहुत ज्यादा थी। माहौल तनाव भरा था। हंगामा हो रहा था। गाड़ी के ड्राइवर और दो अन्य सवारों को लोगों ने बाहर खींच लिया और पीट-पीट कर मार डाला। वैसे, चश्मदीद होने के दावेदार घटना का एक और विवरण देते हैं।

उनके मुताबिक, तेज रफ्तार कार ने प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारी और कुछ लोग कुचल गए। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि लोगों ने कार रोकी और ड्राइवर और एक अन्य को मार डाला, लेकिन एफआईआर में लिखा है कि मेरा मुवक्किल जिसे अभियुक्त बनाया गया है वो कार में बैठा था। जब हंगामा उग्र हुआ तो उसने कार में से ही पिस्टल से हवा में गोली चला दी और मौके से भागकर गन्ने के खेतों में छिप गया। बाद में एक गवाह ने ये माना कि वो चश्मदीद भी नहीं था। हालांकि मौके से कोई हथियार या चलाई गई गोली का खोखा भी बरामद भी नहीं हुआ, न ही कोई गोली से जख्मी आदमी मिला। ये आरोप भी नहीं है कि आशीष मिश्रा ही कार चला रहा था। हाईकोर्ट ने भी अभी तक इन सभी संबंधित मसलों का परीक्षण नहीं किया है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *