विश्व प्रसिद्द रामनगर की रामलीला की आज से शुरुआत, प्रशासन ने लिया जायज़ा
शाहीन बनारसी
वाराणसी: कोरोना संक्रमण काल के दो साल बाद शिव की नगरी काशी में जनता ब्रह्मांड नायक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीलाओं की साक्षी बनेगी। अनंत चतुर्दशी से शुरू होने वाला रामलीला का यह अनुष्ठान संपूर्ण विश्व में अनोखा है। बताते चले कि कोरोना काल के दो साल बाद शुक्रवार से शुरू हो रही रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। दुर्ग प्रशासन द्वारा प्रारंभिक चरणों में संपन्न होने वाली लीला की तैयारी युद्ध स्तर पर की गई है। लीला प्रेमी और स्थानीय दुकानदारों में खुशी की लहर है।
पदाधिकारी के अनुसार, प्रथम चरण की लीला में आने वाले साजो समान की तैयारी पूरी हो चुकी है। रंगरोगन कर शाही बग्गी का ट्रायल भी किया गया। बृहस्पतिवार को दुर्ग प्रशासन ने लीला स्थलों का जायजा लिया गया। एक माह तक रामनगर में राम भक्तों का महासंगम देखने को मिलेगा। पहली लीला शुक्रवार सायं 5 बजे रामबाग फाटक के दक्षिण में रावण जन्म से आरंभ होगी। पोखरा के पास दिग्विजय, क्षीरसागर की झांकी, देव स्तुति, आकाशवाणी की लीला होगी। बाल कांड 175-1 से 187-6 तक का प्रसंग मंचित किया जाएगा।
रामनगर की रामलीला शुरू होने के पहले अयोध्या से लेकर लंका तक तैयारियां पूरी कर ली गई है। रामलीला का मंचन स्थल 4 किलोमीटर दूर लंका तक फैला हुआ है। जगह-जगह अयोध्या, जनकपुर, पंचवटी, लंका, चित्रकूट, निषादराज आश्रम, अशोक वाटिका, रामबाग, नंदीग्राम सहित राम चरित्र मानस में वर्णित घटनाक्रम के अनुसार लीलाएं मंचित की जाती हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि अयोध्या से पूर्वोत्तर जनकपुर एवं विश्वामित्र का स्थान लंका, पंपा सर, दक्षिण में है। रामनगर में भी यह स्थान इन्हीं दिशाओं में बने हैं। लंका में हनुमान संजीवनी लेने उत्तर हिमालय जाते हैं। रामलीला के जुड़े पात्र बताते हैं कि रामायण के प्रसंग के अनुसार स्वरूपों का प्रशिक्षण एवं शृंगार स्थल भी अलग है।