गोला से 5 बार विधायक रहे अरविन्द गिरी की हार्ट अटैक से मौत, बड़ा था सियासी कद, जाने क्या रहा सियासी सफ़र
फारुख हुसैन
लखीमपुर: लखीमपुर खीरी जिले की गोला विधानसभा सीट से पांचवी बार विधायक बने अरविंद गिरी की मौत हो गई। वह लखनऊ में मीटिंग में जा रहे थे, तभी रास्ते में हार्ट अटैक आ गया। सिधौली के पास पहुंचे बीजेपी विधायक अरविंद गिरी को चलती गाड़ी में हार्ट अटैक आया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है।
विधायक के परिजनों ने बताया कि विधायक अरविंद गिरी सुबह 5 बजे अपने निज निवास फार्म हाउस से लखनऊ में पार्टी बैठक में शामिल होने निकले थे। कार में उनके साथ ड्राइवर राकेश, गनर रंजीत और खानसामा थे। चालक राकेश कुमार ने फोन पर बताया कि रास्ते में सिधौली पहुंचे ही थे कि विधायक की तबीयत खराब हो गई और गाड़ी रोकने को कहा। बाद में कार में अगली सीट से उठकर विधायक पिछली सीट पर लेट गए फौरन कार चालक राकेश और गनर रंजीत उन्हें लेकर अटरिया स्थित हिंद मेडिकल कॉलेज ले गए।
अस्पताल में इलाज शुरू होने से पहले ही करीब 7 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गनर और चालक ने घटना की सूचना विधायक के छोटे भाई मोंटी गिरि को दी, जिसके साथ ही क्षेत्र में विधायक के आकस्मिक निधन की खबर आग की तरह फैल गई। शुभचिंतक अपने वाहनों से अटरिया के लिए रवाना हो गए तो कुछ वहीं उनके आवास पर जुटने लगे। वहीं विधायक के घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है। हर कोई विधायक की अचानक हुई मौत से स्तब्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
अरविंद गिरि का सियासी कद काफी बड़ा था। अरविंद गिरी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत समाजवादी पार्टी से की। इसके बाद आगे चलकर उन्होंनें गोला क्षेत्र से पालिकाध्यक्ष चुनाव लड़ा और रेकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की। साल 1996 में सपा के टिकट पर पहली बार सपा के टिकट पर 49 हजार मत पाकर विधायक बने। 2000 में वह दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष बने। 2007 में ही 58 हजार मत पाकर तीसरी बार विधायक बने। 2012 का चुनाव भी वह बसपा के टिकट पर जीते। लेकिन 2017 में अरविंद गिरि ने सपा ने नाता तोड़ लिया और बीजेपी के साथ आ गए। बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और वह गोला विधानसभा से चौथीं बार विधायक बने। 2022 में भी अरविंद गिरि ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता।
क्या रहा सियासी सफ़र
- 1993 : छात्र जीवन से राजनीति में आए।
- 1994 : सपा की सदस्यता ग्रहण कर सक्रिय राजनीति की शुरुआत।
- 1995 : रिकार्ड मतों से चुनाव जीतकर गोला पालिकाध्यक्ष बने।
- 1996 : 13 वीं विधान सभा में सपा के टिकट पर पहली बार 49 हजार मत पाकर विधायक बने।
- 2000 : दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष।
- 2002 : सपा के टिकट पर 14वीं विधान सभा के दूसरी बार विधायक बने।
- 2005 : सपा शासनकाल में अनुध वधू अनीता गिरि को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित कराया।
- 2007 : नगर पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष पद पर पत्नी सुधा गिरि को जिताया।
- 2007 : 58 हजार मत पाकर तीसरी बार पन्द्रहवीं विधान सभा में विधायक बने।
- 2022: 18वीं विधान सभा के लिए भारतीय जनता पार्टी पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए।