शिक्षक का ज़ुल्म: औरैया में दलित छात्र की शिक्षक द्वारा बेरहमी से पिटाई, उपचार के दरमियान हुई मौत, परिजनों और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने काटा जमकर हंगामा

मो0 कुमेल

कानपुर: प्रदेश के औरैया में 10वीं कक्षा के एक दलित छात्र की उसके स्कूल शिक्षक ने बेरहमी से केवल इस लिए पीटा क्योकि उसने “सामाजिक विज्ञानं” की जगह कापी कर “सामाजक विज्ञान” लिख दिया है। महज़ इतनी छोटी सी गलती पर शिक्षक का जलाल ऐसा चढ़ा कि उसने दलित छात्र की जमकर बेरहमी से पिटाई कर दिया। इस पिटाई से घायल छात्र की उपचार के दौरान मौत हो गई है। पीड़ित को उसके सामाजिक विज्ञान शिक्षक ने 7 सितंबर को एक परीक्षा में इस गलती के बाद बुरी तरह पीटा था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा था।

खबरिया वेब साईट लल्लनटॉप की रिपोर्ट में में बताया गया है कि औरैया जिले के वैशोली गांव में शिक्षक अश्विनी सिंह की पिटाई से 10वीं कक्षा के दलित छात्र निखित की मौत के बाद विवाद खड़ा हो गया है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। लल्लनटॉप की रिपोर्ट के अनुसार परिवार द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक बीते 7 सितंबर को गांव के आदर्श इंटर कॉलेज के शिक्षक अश्विनी सिंह ने सामाजिक विज्ञान का टेस्ट लिया था। टेस्ट के दौरान दलित छात्र निखित ने सामाजिक विज्ञान की जगह “सामाजक विज्ञान” लिख दिया था। इससे भड़के हुए शिक्षक ने निखित को लात घुसों और डंडे से इतना पीटा कि वह मौके पर ही बेहोश हो गया। घटना के 18 दिन बाद तक निखित जिंदगी और मौत से जूझता रहा और सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई।

सोमवार शाम को पोस्टमार्टम के बाद निखित का शव परिजनों को सौंप दिया गया था। इसके बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ता और परिजन, शिक्षक अश्विनी सिंह की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग को लेकर आदर्श इंटर कॉलेज के बाहर शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। मृतक छात्र के पिता राजू सिंह दोहरे ने मीडिया से बात करते हुवे बताया था कि “जब तक आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक हम अपने बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।” जिसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों और परिजनों के बीच करीब डेढ़ घंटे की बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। पुलिस जबरन प्रदर्शनकारियों को हटाने लगी जिससे प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया और पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी गई। इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं। साथ ही औरैया पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया है।

दूसरी तरफ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी की कार्रवाई का विरोध जताया है। चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर लिखा है कि “औरैया में स्कूली छात्र की टीचर द्वारा निर्मम पिटाई से मौत हो जाती है और पुलिस परिवार की इच्छा के विरुद्ध जबरन अंतिम संस्कार करवाना चाहती है। परिवार की मांगों के समर्थन में मौजूद आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तारी गलत है, इस तानाशाही के खिलाफ हम डट कर खड़े हैं।” प्रदर्शन कर रही भीम आर्मी और परिजनों की छह मांगे हैं। घटना की निष्पक्ष जांच और आरोपी शिक्षक पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो, पीड़ित परिवार को सुरक्षा और आवास दिया जाए, स्कूल की मान्यता रद्द की जाए, पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

मृतक छात्र के पिता राजू सिंह दौरे ने मीडिया को बताया है कि “आरोपी शिक्षक ने कहा था कि मुझसे गलती हो गई, माफ कर दो। निखित के इलाज का जो भी खर्च होगा वह हम देंगे। पहले हमने इटावा में बच्चे का इलाज कराया, जिसका खर्च 40 हजार रुपए आया। इलाज के बावजूद निखित की हालत बिगड़ती गई। डॉक्टर ने बताया कि निखित को गंभीर अंदरुनी चोटें आई हैं और लखनऊ रेफर कर दिया। हम उसे लेकर लखनऊ पीजीआई गए और इलाज के खर्चे के लिए शिक्षक के पास गए लेकिन शिक्षक ने पैसे देने से मना कर दिया। यही नहीं हमें जातिसूचक गालियां देते हुए मारने की धमकी दी और भगा दिया। पैसे की कमी के चलते हम निखित को घर ले आए। लेकिन हालत बिगड़ती देख निखित को सैफई में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई।”

राजू सिंह रोते हुए कहते हैं, “मेरा बेटा पढ़ने में बहुत अच्छा था, लेकिन टीचर ने एक छोटी सी गलती पर उसे बहुत मारा। अगर मेरे पास इलाज के पैसे होते तो शायद आज मेरा बेटा जिंदा होता।” औरैया के थाना अछल्दा में शिक्षक अश्वनी सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 308, 323, 504 और एससीएसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले पर औरैया जिला पुलिस अधीक्षक चारू निगम ने बताया, “आरोपी शिक्षक के खिलाफ समुचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए सीएमओ इटावा से बात कर ली गई है, बाकी की कानूनी कार्रवाई के लिए अभियोग प्रचलित है। शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया है।” वही छात्र के मौत के बाद से आरोपी शिक्षक फरार बताया जा रहा है। वही पुलिस के द्वारा अब तक हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करने की वजह से परिजनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *