पार्षद अंकित यादव पर कार सवार सपा नेता के पुत्र द्वारा गन शॉट, दो युवक घायल, लेट लतीफ साबित हुई कोतवाली पुलिस
तारिक़ आज़मी
वाराणसी। वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित विशेश्वरगंज तिराहे पर पार्षद अंकित यादव पर गोली चली है। गोली चलने से पार्षद के साथ खड़े दो युवक घायल हो गए है। घायलों में नाटी इमली निवासी प्रशांत यादव (19) और दारानगर निवासी साहिल यादव (19) है। पुलिस मामले में तफ्तीश कर रही है।
समाचार लिखे जाने तक अंकित यादव के तरफ स कोई लिखित तहरीर पुलिस को नही मिली है। अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने घटना में शामिल कार बरामद कर लिया है। सूचना पर डीसीपी काशी राम सरीख गौतम मौके पर पहुचे और मामले की तफ्तीश किया। सबसे अचंभे की बात ये रही कि घटना की सूचना होते ही मौके पर डीसीपी काशी पहुच गए, मगर कोतवाली इंस्पेक्टर अथवा उनके थाने का कोई सिपाही भी तब तक नही पहुच पाया था।
घटना के सम्बंध में मिली जानकारी और अंकित यादव के आरोपानुसार पार्षद अंकित यादव अपने समर्थकों के साथ विशेश्वरगंज तिराहे पर खड़े होकर चाय पी रहे थे तभी फार्च्यूनर कार सवार सपा नेता भाला यादव का पुत्र हिमांशु यादव आया। आरोप है कि कार रोक कर हिमांशु यादव ने कहासुनी शुरू किया। देखते ही देखते कार सवार ने अपनी कार बैक गियर में चलाते हुवे कार की खिड़की से हाथ निकाल कर गोली चला दिया। गोली चलाकर कर सवार अपनी गाड़ी तेज़ी से भगाता हुवा मछोदरी की तरफ भाग गया। अंकित यादव के समर्थकों द्वारा पकड़ने की कोशिश में कार का पिछला शीशा भी टूट कर सड़क पर बिखर गया।
तीन दिन पहले हुई थी विवाद में पंचायत
अंकित यादव की माने तो तीन दिन पहले सपा नेता भाला यादव के पुत्र हिमांशु यादव द्वारा लहुराबीर पर तेज़ हॉर्न बजाने को लेकर कहासुनी हुई थीं। जिसके बाद दोनों के बीच सपा नेता द्वारा पंचायत करा दिया गया था और बात को खत्म कर दिया गया था। जिसकी खुन्नस में आज हिमांशु यादव ने दुबारा विवाद कर उस पर जान से मारने की नीयत से गोली चलाई है। अंकित यादव का आरोप है कि अपने पिता के राजनैतिक संरक्षण में हिमांशु यादव मनबढ़ हो चुका है।
कौन है अंकित यादव
अंकित यादव वर्तमान पार्षद है। उसके पिता बंशी यादव की वाराणसी ज़िला जेल में गोली मार कर हत्या वर्ष 2005 में हुई थी। इस हत्याकांड में कुख्यात अपराधी अन्नू त्रिपाठी और उसके आपराधिक सिंडिकेट का नाम खुलकर सामने आया था। इस हत्याकांड को प्रदेश के सबसे दुस्साहसिक हत्याकांड में एक माना जाता है जिसमे जेल के गेट पर बुलाकर जेल में बंद व्यक्ति की हत्या हुई थी। इसी हत्याकांड के बाद प्रदेश की कई जेलों की सुरक्षा बढाई गई थी।
इंस्पेक्टर कोतवाली न पहुचे, डीसीपी पहुच गए घटना स्थल पर
घटना की सूचना मिलते ही गश्त पर निकले डीसीपी काशी रामसरीख गौतम खुद अपने गनर के साथ मौके पर पहुच गए, मगर इंस्पेक्टर कोतवाली और उनके टीम का कोई भी सदस्य मौके पर नही पहुचा था। डीसीपी काशी राम सरीख गौतम ने खुद मौके की जांच किया। उनके आने के काफी देर बाद कोतवाली पुलिस मौके पर पहुची, जिसके बाद डीसीपी ने मंडलीय चिकित्सालय कबीर चौरा पहुच कर घटना के सम्बंध में पार्षद अंकित यादव और घायलों का बयान लिया।