जश्न-ए-ईद-ए-मिलादुन्नबी पर बनारस के लल्लापुरा में बना ख्वाजा गरीब नवाज़ का आस्ताना, तस्वीरें देख कर आप खुद भी कह उठेंगे “सुब्हानअल्लाह”
शाहीन बनारसी
वाराणसी: जश्न-ए-ईद-ए-मिलादुन्नबी के मुक़द्दस मौके पर शहर-ए-बनारस की गलियों और सडको को दुल्हन की तरह सजाया गया। हर गली-कुचे में एक ही सदा गूंज रही थी “सरकार की आमद मरहबा।” शहर की सारी गलियां जगमग-जगमग कर रही थी। बताते चले कि जश्न-ए-ईद-ए-मिलादुन्नबी सरकार (स0व0) के आमद के रोज़ को कहते है। इस मुक़द्दस रोज़ को रहमतुल आलमीन की विलादत हुई थी। इस पाक मुक़द्दस के रोज़ हर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो के लोग अपनी गलियों को दुल्हन की तरह सजाते है।
इसी क्रम में शहर-ए-बनारस के लल्लापुरा मुस्लिम इन्टर कॉलेज के सामने हुबहू ख्वाजा गरीब नवाज़ के आस्ताने को तामीर किया गया। ख्वाजा गरीब नवाज़ का ये आस्ताना ताज कमेटी द्वारा अपने हाथो से तामीर किया गया और ख्वाजा गरीब नवाज़ के आस्ताने को इब्राहिम अंसारी नाम के एक शख्स ने अपने हाथो से बड़ी ही खूबसूरती से बनाया।
शहर-ए-बनारस के लल्लापुरा में तामीर किये गये ख्वाजा गरीब नवाज़ के आस्ताने को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे थे। आस्ताने को इतनी खूबसूरती से तामीर किया गया कि उस पर से निगाह हटने का नाम नहीं ले रही थी। हर एक शख्स दूर-दूर से आस्ताने को देखने के लिए आ रहे थे। ख्वाजा गरीब नवाज़ के आस्ताने के हुबहू तामीर किये गये इस जगह पर काफी ताय्दात में भीड़ मौजूद थी। आस्ताने को देखने आ रहे लोगो के कदम आस्ताने को देखते ही वही रुक जा रहे थे।
ताज कमेटी के सदस्य लोगो से अपील कर रहे थे कि आप लोग एक-एक करके देखे और एक तरफ से निकलते भी रहे ताकि और लोगो को भी जगह मिल सके। ऐसे ही लोगो के आने जाने का सिलसिला पूरी रात लगा रहा। आस्ताने की खूबसूरती को लफ्जों में बयान नही किया जा सकता। ख्वाजा गरीब नवाज़ के रोज़े जैसे बने इस आस्ताने को देख हर किसी का दिल कह उठा “सुब्हानअल्लाह।”