बेनिया रहीम शाह बाबा कब्रिस्तान हत्याकांड: सज़ा सुन कर उड़ गए हत्यारों के होश

ईद्दुल अमीन

वाराणसी:  इन्साफ की आखिर जीत हुई और 10 साल के इंतज़ार और कानूनन जंग के बाद वर्ष 2012 में चौक थाना अंतर्गत बेनियाबाग मैदान के पास रहीम साहब बाबा की मजार पर चार लोगों की सामूहिक हत्याकांड मामले में आज वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने इस 10 साल चली कोर्ट की कार्यवाही और तमाम तारीखों के बाद चार आरोपियों में से 3 को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वही एक अन्य आरोपी इकबाल राइन को बेनिफिट आफ डाउट और सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया गया है।

फोटो परिचय: बाये से शकीला, रमजान, अरशद और अमजद

सज़ा का एलान होने के बाद अदालत में मौजूद अमजद, अरशद, रमजान और शकीला के होश उड़ गए। दोनों की आँखों में नमी तो थी मगर चेहरे पर अपने गुनाहों का कोई पछतावा नही दिखाई दे रहा था। मोहम्मद सैफ रहीमी जो इस घटना में मृतक मुहम्मद शकील के बेटे है ने हमसे बात करते हुवे बताया कि अदालत से फैसला सुनने के बाद अरशद में मुझे मार डालने की धमकी दिया। जिसके बाद पुलिस कर्मी मुझे सुरक्षा घेरे में लेकर वहा से हट गए।

वैसे फैसले के वक्त सभी दोषियों के चेहरे की हवाईया उड़ गई थी। उनके होश सजा-ए-मौत सुनने के बाद फाख्ता हो चुके थे। शकीला के आँखों में खौफ-ए-कैद दिखाई दे रहा था और वह रोने लगी थी। इस दरमियान सभी दोषियों के चेहरों से उनकी मन की स्थिति दिखाई दे रही थी।

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